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November 22, 2024 9:02 pm

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पहले पत्नी और दो बच्चों को उतारा मौत के घाट फिर खुद कर लिया ऐसा कि लोगों के दिल दहल गए

21 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर बक्श सिंह की रिपोर्ट

रायबरेली : रायबरेली (Raebareli Doctor Suicide) के लालगंज में संचालित मॉडर्न रेलकोच फैक्ट्री में उस समय हड़कंप मच गया जब कारखाने में डीएमओ के पद पर कार्यरत नेत्र सर्जन, उनकी पत्नी और दो बच्चों का शव उनके आवास पर मृत अवस्था में मिला। चिकित्सक का शव फांसी के फंदे पर था ज‍बकि, उनकी पत्नी, पुत्र और पुत्री बेड पर पड़े हुए थे। सूचना पर पहुची आरपीएफ और पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर शवों को बाहर निकाला। चिकित्सक के परिवार को अंतिम बार रविवार को देखा गया था। कल देर रात उनके सहयोगी उनका हालचाल जानने के लिए जब उनके आवास पहुंचे तो घटना की जानकारी हुई। सूचना पर पुलिस अधीक्षक फरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। फरेंसिक टीम मौके से साक्ष्य संकलन में जुटी हुई है।

लालगंज में संचालित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना है जो कि देश मे चलने वाली ट्रेनों के लिए आधुनिक डिब्बों का निर्माण करता है। इसी कारखाने में 2017 में डीएमओ के पद पर कार्यरत डॉ अरुण सिंह, जो कि नेत्र सर्जन विशेषज्ञ थे, तैनात थे। वह कारखाना के आवासीय परिसर में पत्नी अर्चना सिंह पुत्री आदिवा और पुत्र आरव के साथ रहते थे। डॉ अरुण सिंह को अंतिम बार रविवार को देखा गया। उसके बाद उनके घर के किसी भी सदस्य को परिसर में रहने वाले व्यक्ति ने नहीं देखा।

आज उनकी तलाश में उनके सहयोगी जब उनके आवास पर पहुंचे तो आवास बन्द मिला। जब घर मे झांका गया तो डॉ. फांसी के फंदे पर झूलते और उनकी पत्नी, बच्चे बेड पर बेसुध पड़े दिखे। यह देख परिसर में सन्नाटा पसर गया। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। मामले की सूचना पुलिस को दी गई।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने इसकी सूचना आलाधिकारी को दी तो पुलिस अधीक्षक फरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घर का दरवाजा तुड़वा कर कमरे में दाखिल हुआ गया। चिकित्सक फांसी के फंदे पर लटक रहे थे और उनका पूरा परिवार मृत अवस्था में बेड पर पड़ा था। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया और मामले की तहकीकात शुरू कर दी गई।

पूरी प्‍लानिंग के साथ की खुदकुशी: एसपी

पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि डॉक्टर साहब 2017 से कारखाने में नौकरी कर रहे है। वह नेत्र सर्जन थे। उन्होंने कई तरह के इंजेक्शनों का प्रयोग किया और पहले बच्चों को बेहोश किया फिर उनके सिर पर वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। खुद के हाथों की नस काटी जब सफल नहीं हुए तो कुर्सी रखकर फांसी लगा ली। रविवार को उनको अंतिम बार देखा गया था।आज उनके सहयोगी जब उनके आवास पर पहुचे तो दरवाजा तोड़ा गया और ये मंजर दिखाई दिया। शवों को कब्जे में ले लिया गया है। डॉक्टर साहब के एक पुत्र, पुत्री और पत्नी भी मृत अवस्था में मिले हैं। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमॉर्टम के बाद मौत का सही कारण स्पष्ट होगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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