मिश्रीलाल कोरी की रिपोर्ट
नेपाल की सीमा से सटे यूपी के जिलों में सौ से अधिक ऐसे गैर मान्यता प्राप्त मदरसे एसआईटी ने चिह्नित किए हैं, जिन्हें विदेशी फंडिंग मिली है। यह रकम 150 करोड़ से अधिक है। मदरसों को अधिकतर फंडिंग खाड़ी देशों से की गई है। एसआईटी ने इस संदिग्ध मदरसों की प्रबंध कमिटियों से उनके सालाना आय-व्यय के ब्योरे के साथ बैंक खातों की डिटेल तलब की है। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में 108 ऐसे मदरसे मिले हैं, जिन्हें विदेश से फंड मिलने की पुष्टि हुई है।
150 करोड़ से अधिक की यह रकम शिक्षा के प्रसार-प्रचार के नाम पर इन मदरसों को भेजी गई है। एसआईटी इस बात की तहकीकात में लगी है कि पढ़ाई के नाम पर भेजी गई इस रकम का इस्तेमाल वास्तव में मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में हुआ है या फिर उसे कहीं और खपाया गया। यह पता किया जा रहा है कि कहीं इस पैसे का इस्तेमाल देशविरोधी गतिविधियों के लिए तो नहीं किया गया। एसआईटी यह भी जानने की कोशिश में है कि खाड़ी देशों से यह रकम किन संगठनों के जरिए भेजी गई। इसके लिए एसआईटी केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की भी मदद ले रही है।
यूपी सरकार ने पिछले दिनों गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवाया था। सर्वे में करीब चार हजार ऐसे मदरसे मिले, जिनके संचालक आय-व्यय की सही जानकारी सर्वे टीम को नहीं दे सके थे। इन संचालकों द्वारा यह बताया गया कि उनके मदरसे का संचालन विदेश से पढ़ाई के लिए मिलने वाले फंड से होता है।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इन मदरसों में आई विदेशी फंडिंग की जांच के लिए गृह विभाग को पत्र लिखा था। गृह विभाग ने एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की है, जो मामले की जांच कर रही है।
Author: samachar
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