आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन जहां एक ओर नेता प्रतिपक्ष और सपा प्रमुख ने राज्य सरकार पर निशाना साधा… वहीं, सीएम योगी ने अखिलेश के कार्यकाल पर गंभीर आरोप लगाए…इस दौरान सदन में एक ऐसा भी पल आया जब सदन में मौजूद सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता हंसने और मुस्कुराने लगे…
दरअसल, अखिलेश यादव ने प्रदेश में हुए सांड के कई हमलों का मुद्दा उठाया…और इसी दौरान उन्होंने कहा कि सांड को नंदी कहा जाना चाहिए…इस पर वहां मौजूद सीएम योगी आदित्यनाथ भी मुस्कुराने लगे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दावा किया कि गोवंश भूखे-प्यासे मर रहे हैं…गौशाला के नाम पर योगी सरकार में सिर्फ भ्रष्टाचार हो रहा है…इसको चलाने वाले लोग भाजपा से जुड़े लोग हैं और सरकारी अधिकारी मिलकर चारा-पानी तक खा-पी जा रहे हैं…बाजारों में सांड, खेतों में सांड। खेती से कितनी जानें जा चुकी हैं…जिन लोगों की खेतों में सांड की वजह से जान गई है, उनकी सरकार ने क्या मदद की है? ऐसे में 250 करोड़ से कुछ नहीं होने वाला है.. यदि आप सांड को नंदी मानते हैं और सच्ची सेवा करना चाहते हैं तो 250 करोड़ नहीं पांच हजार करोड़ रुपये खर्च करने चाहिए। पुरानी घटना का जिक्र करारे हुए सपा प्रमुख ने कहा कि हरदोई में सेकंड फ्लोर पर दो सांड चढ़ गए थे और सरकार को पूरी रातभर सेवा करनी पड़ी थी…सदन में बुद्धिमान लोग बैठे हुए हैं…कोई बताए कि हरदोई के सेकंड फ्लोर पर सांड कैसे चढ़ गया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."