संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों में निर्माण सामग्री सप्लाई की आड़ में सप्लायरों द्वारा बडे़ पैमाने में सेल्स टैक्स की चोरी की जा रही है जिसमें ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत व ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते मनमाने तरीके से भुगतान कर दिया जाता है जिसमें ज्यादातर सप्लायर टैक्स नहीं जमा करते हैं जिसके कारण सप्लायरों द्वारा हर वर्ष करोड़ों रूपए की टैक्स चोरी कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है l
मनरेगा योजना में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों अपने-अपने मद से निर्माण कार्य के लिए रकम देती हैं। इसमें 60 फीसदी मजदूरी तो 40 फीसदी निर्माण सामग्रियों पर खर्च करनी होती है जिसमें मनरेगा योजना से कराए गए पक्के निर्माण कार्यों में सप्लायरों द्वारा पत्थर, ईट, गिट्टी, बालू, क्रेशर डस्ट, मोरम, सीमेंट, लोहा आदि सामग्री उपलब्ध कराई जाती है जिसका भुगतान तो ग्राम पंचायतों व ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा कर दिया जाता है लेकिन ज़िले के ज्यादातर सप्लायर टैक्स नहीं जमा करते हैं जिसके कारण सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान पहुंचाया जाता है l
चित्रकूट ज़िले के पांचों ब्लाकों में मैटेरियल सप्लाई करने वाली फर्मों में श्री बालाजी ट्रेडर्स, मेसर्स अमित ट्रेडर्स, मेसर्स राजीव सिंह, आर के पांडेय ट्रेडर्स, मेसर्स पवन ट्रेडर्स, कान्हा कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, अजय ट्रेडर्स, नरेन्द्र सिंह कांट्रेक्टर, लक्ष्मण सिंह, रघुनाथ कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, लवी इण्टर प्राइजेज, श्रेयांस कंट्राक्शन, जय मां दुर्गे इण्टर प्राइजेज, मां विंध्यवासिनी ट्रेडर्स, पूजा इण्टर प्राइजेज, मेसर्स प्रदीप ट्रेडर्स, कृष्णा ट्रेडर्स, मुस्कान ट्रेडर्स, श्रीराम जानकी कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, के सी ट्रेडर्स, मेसर्स पुनीवा ट्रेडर्स, अनुज कुमार त्रिपाठी, मेसर्स खगेंद्राचार्य , मेसर्स प्रदीप कुमार अग्रवाल, मेसर्स प्रहलाद कुमार शर्मा, एन एस कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, निशा इण्टर प्राइजेज, प्रकाश चंद्र गुप्ता, मेसर्स न्यू शिवम इण्टर प्राइजेज, रामलखन सुंदरलाल ट्रेडर्स, साधना इण्टर प्राइजेज, श्री भैरों कंट्राक्शन, मेसर्स समृद्धि ट्रेडर्स, मेसर्स गौतम कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, कैलाश चन्द्र द्विवेदी, मेसर्स आर डी सिंह कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, मेसर्स मंजू सिंह कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, शंकरलाल बाबा कांट्रेक्टर, अनुज कुमार त्रिपाठी, जय मां कंट्राक्शन, मेसर्स पांडेय सीमेंट स्टोर, मेसर्स राजीव सिंह, मेसर्स अमित ट्रेडर्स, ज्ञान ट्रेडर्स, मृदुल ट्रेडर्स, रजत इण्टर प्राइजेज, अक्षत इण्टर प्राइजेज, रुद्र ट्रेडर्स, छोटेलाल कांट्रेक्टर, मेसर्स बिनैका बाबा सप्लायर, मेसर्स कान्हा इण्टर प्राइजेज, मेसर्स अतुल कुमार मिश्रा, मेसर्स गोपाल जी ट्रेडर्स, दिनेश चन्द्र मिश्रा, श्रीराम सीमेंट स्टोर लालता रोड़ मऊ चित्रकूट, भोले इण्टर प्राइजेज, मेसर्स कौशल कुमार पाण्डेय कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, मेसर्स जितेन्द्र सिंह कांट्रेक्टर,अभिषेक कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, श्री कृष्णा ट्रेडर्स, शिवम ट्रेडर्स, मेसर्स आयत कंट्राक्शन एंड सप्लायर, मां शारदा ट्रेडर्स, मेसर्स ओम ट्रेडर्स, मेसर्स मां शांभवी ट्रेडर्स, मेसर्स दिनेश कुमार कांट्रेक्टर एंड सप्लायर, जय मां शारदा ट्रेडर्स, मेसर्स जय कामतानाथ ट्रेडर्स व मेसर्स कार्तिकेत ट्रेडर्स आदि कई फर्में है जो ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना से कराए जा रहे कार्यों के लिए मैटेरियल सप्लाई का कार्य करती हैं इनमें से ज्यादातर फर्में/सप्लायर भुगतान होने के बाद टैक्स नहीं जमा करते हैं व इन फर्मों/सप्लायरों द्वारा राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा है l
मनरेगा योजना अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों में मैटेरियल सप्लाई करने वाली इनमें से ज्यादातर फर्मों के पास मैटेरियल की दुकानें नहीं हैं इसके बावजूद यह फर्में लाखों रुपए का मैटेरियल सप्लाई का भुगतान करवाती हैं वहीं कुछ फर्में ऐसी हैं जो स्थानीय खनिज सामग्री से निर्माण कार्य करवाती हैं और मनमाने तरीके से बिल बाउचर देकर भुगतान करवाती हैं l इन फर्मों/सप्लायरों द्वारा ग्राम पंचायतों में ठेकेदारी की जाती है व विकास कार्यों में मानक विहीन कार्य कराकर सरकारी धन का बंदरबाट किया जाता है जिसमें ग्राम प्रधान व सचिव सहित ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा जमकर कमीशनखोरी की जाती है l
चित्रकूट ज़िले में मनरेगा योजना से कराए जा रहे कार्यों में उपायुक्त श्रम एवं रोजगार भी कोई ध्यान नहीं देते हैं जिसके कारण और भी बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार किया जाता है पहाड़ी ब्लाक में कार्यक्रम अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार उपायुक्त श्रम एवं रोजगार संभाले हुए हैं इसके बावजूद मनरेगा योजना से कराए जा रहे कार्यों में ख़ूब धांधली देखने को मिल रही है वहीं कार्यक्रम अधिकारियों के साथ साथ अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों सहित ग्राम प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायकों की भी भूमिका बहुत ही अहम नज़र आती है जो सबकुछ जानते हुए भी ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में बड़ी धांधली करवाते हुए नज़र आते हैं l
अगर ज़िला प्रशासन ग्राम पंचायतों में फर्मों/सप्लायरों द्वारा विकास कार्यों के नाम पर की गई मैटेरियल सप्लाई व सप्लायरों द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की जांच व कराए गए भुगतान व टैक्स चोरी की उच्च स्तरीय जॉच कराए तो बहुत बडे़ भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."