google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
देहरादून

सुरंग ढहने के लिए “रिचार्ज जोन” कैसे है जिम्मेदार? आइए जानते हैं

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट

देहरादून। उत्तरकाशी में यमुनोत्री राजमार्ग पर “सिल्क्यारा सुरंग” में भूस्खलन की वजह को खोजने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के विशेषज्ञ युद्धस्तर पर जुट गए हैं।उन्होंने पाया कि जितना मलबा हटाया जा रहा है उतना ही मलबा पहाड़ी से खिसक रहा है। इसके अलावा विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका भी व्यक्त की है कि भूस्खलन वाले स्थल पर पहाड़ी में पानी का “रिचार्ज जोन” है।यह ऐसा जोन होता है, जहां पानी एकत्रित होता है और यह प्रक्रिया प्राकृतिक रूप से संचालित होती है। ऐसे में इस तरह के जोन का उपचार किया जाना या तो असंभव हो है या बेहद चुनौतीपूर्ण। विभिन्न वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि जितना मलबा हटाया जा रहा है, उतना ही मलबा पहाड़ी से खिसक रहा है। इसके अलावा विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका भी व्यक्त की है कि भूस्खलन वाले स्थल पर पहाड़ी में पानी का “रिचार्ज जोन” है।

वैज्ञानिकों ने यह भी खुलासा किया है कि इस तरह के जोन का उपचार किया जाना संभव नहीं है। यदि ऐसा है तो सुरंग के निर्माण को सुचारू रखने के लिए इसके डिजाइन में आवश्यक बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी।

सुरंग की पहाड़ी के रिचार्ज जोन की चट्टानें पानी के प्रभाव के कारण बुरी तरह गल चुकी हैं। यही कारण है कि इस क्षेत्र में पहाड़ी का भाग भूस्खलन के रूप में ढहने लगा है।
चूंकि यह भाग सक्रिय है तो इसे स्थिर करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। भूस्खलन भी करीब 55 मीटर भाग में हुआ है, लिहाजा इतने बड़े हिस्से को स्थिर रखने या संबंधित क्षेत्र में निर्माण के लिए तमाम विकल्पों पर विचार करना पड़ेगा।

कुछ विशेषज्ञ चार धाम बारहमासी राजमार्गों के निर्माण, विशेषकर सड़कों के चौड़ीकरण के लिए अपनाए जा रहे तरीकों से भी नाखुश हैं। वर्तमान “नदी घाटी संरेखण” को सुरक्षित नहीं माना जा सकता। यदि आप ढलानों मैं फेरबदल करते हैं, तो भूस्खलन जैसी आपदाएँ अपरिहार्य हैं।

उत्तराखंड गठन के बाद पहले दशक में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बहुत कम थी। इसके बाद 2002 में टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र में बादल फटने से 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2003 में उत्तरकाशी शहर में वरुणावत पर्वत से हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई.

लेकिन 2010 के बाद प्राकृतिक आपदाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई। जून 2013 की केदारनाथ आपदा अभूतपूर्व थी जिसमें हजारों लोग मारे गये। मानसून के दौरान राज्य में समय-समय पर छोटी-बड़ी आपदाएं आती रहती हैं। इस दौरान केदारनाथ और बद्रीनाथ हाईवे पर भी दरारें आ गईं, जिससे अक्सर यातायात बाधित होता है। चार धाम सड़क परियोजना को भी गढ़वाल क्षेत्र में कई स्थानों पर नुकसान हुआ। इस मानसून में राज्य में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में है। इस साल की शुरुआत में, जोशीमठ में भी भूमि धंसने का एक मामला सामने आया था, जहां कुछ निवासियों ने समस्या के लिए एनटीपीसी की 520 मेगावाट की “तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना” को जिम्मेदार ठहराया था। पहाड़ी शहर के पास से गुजरने वाली परियोजना की भूमिगत सुरंग के कारण शहर की इमारतों और सड़कों में दरारें आ गई थीं।

मेरा व्यक्तिगत मानना यह ​​है कि यदि पारिस्थितिक चिंताओं पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में चार धाम मार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग के आंशिक रूप से ढहने जैसी भयावह घटनाएं घटती रहेंगी। हिमालय में विकास के लिए सबसे पहले पारिस्थितिक चिंताओं का समाधान करना आवश्यक है। सतत विकास के लिए ऐसे दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जो भूवैज्ञानिक और पारिस्थितिक दोनों दृष्टि से सही हो और इसी दिशा में धामी सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए। यदि त्वरित कार्रवाई न की गई और संतुलन हासिल नहीं किया जाता, ऐसी भयावह घटनाएं घटती रहेंगी।

“इसरो” द्वारा प्रस्तुत भूस्खलन क्षेत्र मानचित्र में रुद्रप्रयाग जिले को आपदाओं के प्रति अति संवेदनशील दर्शाया गया है। हिमालय की संवेदनशीलता को देखते हुए विकास परियोजनाओं को सरकार द्वारा अनुमति देने से पहले हर पहलू से जांच की जानी चाहिए। वर्तमान में एकमात्र प्रकाश की उम्मीद यह है सिलक्यारा में “एस्केप टनल” का निर्माण किया जा रहा है जो कि और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि फंसे हुए सभी मजदूरों को जल्द बाहर निकाल लिया जाएगा।

इस दिशा में मौजूद धामी सरकार का युद्ध स्तर पर बचाव कार्य जारी है। हम सब मजदूर की सुरंग से रिहाई और पूर्णतया बचाओ कि भगवान से प्रार्थना करते हैं।

88 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close