चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
लखनऊ: विभूतिखंड इलाके में रकम दोगुना करने का झांसा देकर लोगों को ठगने वाले गैंग के दो सदस्य ठगी की रकम लेकर शिमला भाग गए। वहां गर्ल फ्रैंड को भी बुला लिया और धूमधाम से उसका बर्थडे मनाया। दिल्ली, आगरा और उज्जैन की सैर करवाई, लेकिन एक गलती की। अपने एक करीबी रिश्तेदार से नंबर बदल-बदल कर बातें कर रहे थे।
डीसीपी ईस्ट की सर्विलांस टीम ने इसी नंबर से जालसाजों को ट्रैक कर लिया। उसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम की मदद से विभूतिखंड पुलिस ने दोनों जालसाजों को दबोच लिया। दोनों के पास से 48.43 लाख रुपये व लग्जरी गाड़ी बरामद हुई है।
गोमतीनगर के विरामखंड निवासी और एक संस्था के संचालक आशीष सिंह की मुलाकात मुंबई निवासी राहुल सिंह हुई। राहुल से उनकी करीबियां थीं। राहुल ने उन्हें एक ऐसी कंपनी के बारे में बताया, जो रकम लेकर उसे दोगुना कर संस्था के खाते में वापस भेज देती है।
राहुल सिंह ने अपने साथियों राजवीर सिंह उर्फ निशांत, सौरभ सिंह, सचिन सिंह व मंगलम इंटर प्राइजेज के डायरेक्टर व कर्मचारियों से आशीष को मिलवाया। इन लोगों ने उनसे 60 लाख रुपये ले लिए। उसके बाद रकम जमा करके आने की बात कहकर भाग गए। ठगे जाने की जानकारी होने पर पीड़ित ने विभूतिखंड थाने में 19 अक्टूबर को मंगलम इंटर प्राइजेज के डायरेक्टर व कर्मचारियों के अज्ञात कर्मचारियों के अलावा पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
विभूतिखंड पुलिस ने इस मामले में 30 अक्टूबर को मुंबई निवासी राहुल सिंह, सचिन सिंह व राजवीर सिंह उर्फ निशांत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तीनों से पूछताछ में सामने आया था कि राजवीर का ड्राइवर रायबरेली के महराजगंज निवासी रतन रस्तोगी व एजेंट अयोध्या के गोसाईंगंज स्थित अतरौरा निवासी राहुल कुमार रुपये लेकर ठिकाने लगाने का झांसा देकर भाग गए हैं।
एडीसीपी ईस्ट सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि सर्विलांस की टीम ने छानबीन की तो सामने आया कि वह अलग-अलग नंबर से रायबरेली में रहने वाले अपने रिश्तेदार के एक नंबर पर कॉल कर रहा है। यहीं से पुलिस को ठगों का सुराग मिल गया। उसके बाद डीसीपी ईस्ट की क्राइम टीम व विभूतिखंड पुलिस ने छानबीन शुरू की और इनोवा गाड़ी के साथ दोनों को दबोच लिया। गाड़ी की तलाशी ली गई तो उसमें से 48.43 लाख रुपये बरामद हुए।
ठगी की रकम से दोनों ने किया ऐश
पूछताछ में दोनों ठगों ने पुलिस को बताया कि दोनों रकम लेकर लखनऊ से भाग गए थे। पहले शिमला गए। वहां अपनी गर्लफ्रैंड को भी बुला लिया। वहां शानदार ढंग से उसका बर्थडे सेलिब्रेट किया।
सीए के माध्यम से जालसाजों से हुआ संपर्क
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि संस्था के संचालक आशीष व मंगलम इंटरप्राइजेज कंपनी के संचालक जालसाजी के आरोपित राजीव सिंह उर्फ निशांत का चार्टर्ड अकाउंटेंट एक ही शख्स था। इसी शख्स ने आशीष की संस्था और उसके लेनदेन के बारे में जालसाजों को जानकारी दी थी। उसी के जरिए आरोपित राहुल व आशीष की मुलाकात भी हुई थी। सुराग मिलने के बाद जालसाजों ने ठगी का प्लान बनाया और रकम ठग कर फुर्र हो गए थे।
Author: samachar
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