दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बदायूं : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं (Budaun) जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 20 फीट गहरे सूखे कुएं में एक दिन का मासूम लावारिस हालत में मिला। जानकारी होने पर इस मासूम बच्चे को प्रेम राज और उनकी पत्नी सोमवती देवी ने बचाया। यह दोनों खेत पर काम कर रहे थे, जहां उन्हें बच्चे के रोने की आवाज आई।
जानकारी के मुताबिक जब प्रेमराज कुएं से नीचे उतरा तो उसने बच्चे के पास बैठे एक सांप को देखा, जो धीरे-धीरे दूर चला गया। इसके बाद उन्होंने बच्चे को बाहर निकाला और इलाका पुलिस को घटना की जानकारी दी।
प्राथमिक इलाज के बाद संभल रैफर किया
इसके बाद सोमवती अन्य ग्रामीणों के साथ बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गई। जहां उसका इलाज किया गया। यहां से डॉक्टरों ने उसे संभल जिले के एक निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। बदायूं जिले के फैजगंज बेहटा क्षेत्र के बसौनी गांव की इस घटना से सभी को चौंकने के लिए मजबूर कर दिया है।
गांव वालों का मानना था कि बच्चे को चमत्कारिक ढंग से सांप ने बचा लिया। वहीं सोमवती ने कहा कि किसी ने बच्चे को मेरे खेत के कुएं में फेंक दिया था। बच्चे के पास में एक सांप बैठा था, जिसने शायद उसे इतनी ऊंचाई से फेंके जाने के बावजूद बचा लिया।
पुलिस को आशंका, जन्म लेते ही बच्चे को फेंका
सीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. इशान चौधरी ने बताया कि जांच करने के बाद हमने पाया कि बच्चे के शरीर पर केवल कुछ चोट के निशान थे। गर्भनाल बरकरार थी, जिससे पता चलता है कि वह कुछ घंटे पहले ही पैदा हुआ था। डॉक्टरों ने उसका इलाज करने के दौरान उसे दूध पिलाया। डॉक्टरों ने कहा है कि कुछ समय इलाज चलने के बाद बच्चा स्वस्थ्य हो जाएगा। इसके बाद पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चे को अपने सुपुर्द लिया है।
चाइल्डलाइन के पदाधिकारी हुए सक्रिय
बदायूं चाइल्डलाइन टीम के समन्वयक कमल शर्मा ने बताया कि बच्चे को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हम उसके माता-पिता का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। आशंका है कि जन्म के बाद ही बच्चे को फेंक दिया गया।
वहीं एसएचओ सिद्धांत शर्मा ने कहा कि बच्चे को कोई बड़ी चोट नहीं थी, लेकिन उसके सिर पर कुछ सूजन थी। जो शायद गिरने के दौरान आई हो सकती है। सभी जांचों के बाद बच्चे को सरकारी मेडिकल कॉलेज में भेजा गया है। 72 घंटे में बच्चे के माता-पिता को खोजने की कोशिश है।
Author: samachar
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