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November 23, 2024 1:48 am

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कमाल का है स्कूल ; शिक्षक छुट्टी पर तो पढ़ाई बंद, पैसे नहीं तो मध्यान्ह भोजन बंद ; जवाब है शिक्षा विभाग के पास ?

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संवाददाता- विवेक चौबे

गढ़वा : झारखण्ड में सरकारी विद्यालयों की हालात कब सुधरेगी, यह एक बड़ा सवाल ही है। जिले के कांडी प्रखण्ड में एक ऐसा नव प्राथमिक विद्यालय है, जहां 4-5 दिनों तक बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। चूंकी शिक्षक छुट्टी पर थे। छुट्टी पर गए शिक्षक के बदले कोई भी शिक्षक को प्रभार नहीं दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था कमजोर है।

हम बात कर रहे हैं चटनिया पँचायत की। जहां नव प्राथमिक विद्यालय बहेरवा खाड़ी में अध्ययनरत बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि उक्त विद्यालय के शिक्षक कुंदन सिंह छुट्टी पर गए हैं तो अन्य शिक्षक को प्रभार दिया जा सकता था।

वहीं ग्रामीणों की शिकायत पर निरीक्षण करने पहुंचे मुखिया प्रतिनिधि लालू यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों द्वारा पता चला कि उक्त विद्यालय 4-5 दिनों से बंद है। उन्होंने जब बीपीओ को फोन लगाया तो उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं किया। तब बीओ को फोन किया गया, उन्होंने कहा कि यदि उक्त विद्यालय में कोई शिक्षक नहीं है तो बदले में मैं किसी शिक्षक को प्रभार के रूप में दे रहा हूँ। इसके बाद डीएसई को फोन किया गया। उन्होंने बताया कि मैं सीओ के प्रभार में हूँ। आप डीएसई को फोन कीजिए। इसके बाद मुखिया प्रतिनिधि द्वारा फोन पर उपायुक्त से बात की गई। उन्होंने कहा की जल्द ही कार्यवाई की जाएगी।

मुखिया प्रतिनिधि लालू यादव ने कहा कि उक्त विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थी मेरे पंचायत क्षेत्र के बच्चे हैं, जिन्हें शिक्षा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उक्त विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को नाम, पता व सामान्य ज्ञान की जरूरत है। उन्होंने कहा की शिक्षक कुंदन सिंह शनिवार से ही छुट्टी पर हैं। जब मुखिया प्रतिनिधि ने डीएसई को फोन किया है तब गुरुवार को शिक्षक धर्मेंद्र विश्वकर्मा को प्रभार के रूप में दिया गया है। नहीं तो विद्यालय बन्द ही रहता।

वहीं वार्ड सदस्या संगीता देवी ने कहा कि उक्त विद्यालय में 10-15 दिनों से मध्यान भोजन भी बंद था। उन्होंने कहा कि जब इस सम्बन्ध में पूछा गया तो शिक्षक कुंदन सिंह व अध्यक्ष सुरेंद्र यादव ने बताया कि खाता में पैसा ही खत्म हो गया है।

जबकि अध्यक्ष सुरेंद्र यादव से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि लगभग बीस दिनों से मेरे विद्यालय में मध्यान भोजन बन्द है। उन्होंने शिक्षक कुंदन सिंह को बताया कि मैं कितना पैसा घर से लगाऊंगा। उन्होंने मध्यान भोजन बन्द होने का कारण बताया कि बीआरसी के पास मध्यान भोजन के लिए फंड में पैसा नहीं था। उन्होंने कहा कि मैं ने घर से 8 हजार रुपए लगा कर एक महीने तक बच्चों के लिए मध्यान भोजन चलाया। यदि मध्यान भोजन बन्द रहा तो इसका कारण पैसे का अभाव है।

वहीं प्रभार के रूप में उत्क्रमित मध्य विद्यालयघोड़ दाग से आए शिक्षक धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि मुझे यह जानकारी नहीं थी उक्त विद्यालय बन्द है। गुरुवार को मैं अपने मूल विद्यालय में जाने की तैयारी कर रहा था कि सीआरपी सुनील कुमार के द्वारा मौखिक रूप से सूचना दी गई कि आपका डिप्टेशन नव प्राथमिक विद्यालय बहेरवा खाड़ी में कर दिया गया है। इस पर धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने उनसे पूछा कि इसके लिए मुझे कोई चिठ्ठी या पत्र निर्गत नहीं किया गया है तो मै उस विद्यालय को कैसे खोलूं। इस पर सीआरपी ने उन्हें कहा कि कार्यालय खुलने दीजिए तो पत्र निर्गत कर दूंगा। सीआरपी के निर्देश पर मैं उक्त विद्यालय का संचालन कर रहा हूँ।

उक्त विद्यालय में पढ़ने वाले 125 बच्चों का भविष्य शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण हो रहा है। जबकि शिक्षक एक ही हैं। सवाल यह कि एक ही शिक्षक कक्षा-1 से कक्षा 5 तक के बच्चों को कैसे पढ़ाते हैं, यह विचाराधीन ही है।

मौके पर वार्ड सदस्य उपेन्द्र यादव, संगीता देवी, शिवनाथ यादव, नंदू यादव, कामेश्वर यादव, राजकुमार यादव, जसमन यादव, श्रवण यादव, अशोक यादव, उदय यादव, मनोज यादव सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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