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November 24, 2024 9:12 am

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खौफनाक ; वारदात को अंजाम देने से पहले ली बकरा काटने की ट्रेनिंग और फिर किया ऐसा घिनौना काम

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विकास कुमार की रिपोर्ट

रूपनगर(पंजाब): रूपनगर पावर कालोनी में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की निर्मम हत्या के मामले में परिवार के लातपा चौथे सदस्य प्रभजोऊ सिंहह पर पुलिस की जांच घूम रही है। वह वारदात के बाद से ही लापता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रोज जांच में चौंका देने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। इसके तहत प्रभजोत सिंह ने वारदात से पहले गुरुद्वारा भट्ठा साहिब के बाहर मार्केट से एक किरपाण खरीदी। इसके बाद उसने पास ही एक कसाई के पास बकरा काटने की ट्रेनिंग लेने के बारे में कहा था। इसके अलावा प्रभजोत एक गतका की ट्रेनिंग देने वाली एसोसिएशन के नुमाइंदे से भी मिला था। जहा उसने किरपाण से एक साथ तीन बुत काटने की विधि सीखने के बारे में पूछा था। इससे भी चौकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि 10 अप्रैल की सुबह प्रभजोत ने फोन कर दूध वाले को चार- पाच दिन दूध की सप्लाई घर पर देने से मना किया था।

दूसरी तरफ सीआइए इंचार्ज सतनाम सिंह के मुताबिक जिस घर में यह वारदात हुई थी, उसके मुख्य दरवाजे के अलावा अंदर दाखिल होने का कोई और रास्ता नहीं है। उन्होंने प्रभजोत द्वारा दस अप्रैल की तड़के सुबह दूध वाले को चार पाच दिन घर पर दूध देने से मना करने की बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि घर के माहौल को देखकर यह वारदात लूटपाट की भी घटना नहीं लगती। 12 अप्रैल शाम को वारदात का पता चला था और प्रभजोत सिंह उससे पहले से लापता है और वीरवार को उसकी एक्टिवा पुलिस को पुलिस लाइन की पिछली तरफ बुधकी नदी के निकट झाड़ियों में से मिली थी।

प्रभजोत के पास दो मोबाइल नंबर थे और पुलिस ने जब उसके मोबाइल नंबरों की लोकेशन ट्रेस की, तो दस अप्रैल की दोपहर तक दोनों नंबर चल रहे थे। एक नंबर डीएवी स्कूल मार्ग और दूसरा मोबाइल नंबर कोटला निहंग के पास टावर लोकेशन में आया था। 

यह था मामला

मंगलवार रात रूपनगर की पावर कालोनी में क्वार्टर नंबर 62 में एक ही परिवार के तीन सदस्यों के शव मिले थे। उनकी तेजधार हथियारों से निर्मम हत्या की गई थी। शवों को देखकर लगता था कि चार दिन से शव बंद घर में पड़े थे। मृतकों के पेट समेत शरीर के बाकी हिस्से फूल गए थे।

मामले के इंक्वायरी अधिकारी कृष्ण लाल ने बताया था कि प्राथमिक जाच के मुताबिक तेजधार हथियार का इस्तेमाल हत्या में हुआ है।

मरने वालों में हरचरण सिंह सेवानिवृत्त अध्यापक , उनकी पत्‍‌नी परमजीत कौर व डा. बेटी चरणप्रीत कौर थी, जो वारदात वाले दिन आनंदपुर साहिब अस्पताल में ड्यूटी से लौटी थीं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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