Explore

Search
Close this search box.

Search

7 February 2025 3:55 am

लेटेस्ट न्यूज़

“झारखंडी तालाब” के सुंदरीकरण योजना हेतु 30 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति के बाद भी कागजों में गुम हो गई योजना…..

47 पाठकों ने अब तक पढा

नौशाद अली की रिपोर्ट

बलरामपुर : गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बने नगर के झारखंडी मंदिर के तालाब को अटल सरोवर बनाने की कवायद कागजों में गुम होकर रह गई है। पहले कोरोना महामारी, फिर अफसरों की लापरवाही से भारत रत्न अटलजी को सम्मान देने की मंशा पर पानी फिर गया।

दिसंबर 2018 में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने प्रदेश के सात जिलों के सरोवर की सूरत बदलने की सूची में नगर के झारखंडी तालाब को स्थान दिया था। इसके लिए करीब 30 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी। तीन साल चार माह बीतने के बाद भी नगर पालिका प्रशासन ने तालाब के सुंदरीकरण की दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। नपाप का कार्यकाल खत्म होने में कुछ ही माह बचे हैं, लेकिन कार्यवाही ठंडे बस्ते में हैं। इससे जल संरक्षण को बढ़ावा देने की शासन की मंशा परवान नहीं चढ़ सकी है।

नगरीय झील, तालाब, पोखर संरक्षण योजना के तहत झारखंडी मंदिर तालाब के कायाकल्प के लिए शासन ने 29.93 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी। तालाब सुंदरीकरण की गुणवत्ता व मानकों की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद को दी गई है। जिसके लिए बजट भी आवंटित किया जा चुका है। कार्य स्थल पर राज्य स्तरीय टास्क फोर्स से निर्धारित डिस्प्ले बोर्ड लगेगा। इसमें कार्य का पूर्ण विवरण, कार्यदायी संस्था, कार्य प्रारंभ होने की तिथि का उल्लेख होगा। खर्च की गई धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराना होगा।

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मस्थली होने के नाते बलरामपुर के इस प्रमुख तालाब का नाम अटल सरोवर रखा जाएगा।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़