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November 5, 2024 9:05 am

ओवरटाइम करने से मना किया तो कंपनी के लोगों ने मजदूर की पीट पीट कर ले ली जान

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विवेक चौबे की रिपोर्ट

बोकारो । डालमिया सीमेंट प्लांट में कार्यरत 40 वर्षीय ठेका मजदूर नागेंद्र यादव की दुर्गा इंटरप्राइजेज कंपनी के लोगों ने पीट पीटकर निर्मम हत्या कर दी है। हत्या इसलिए हुई क्योकि यादव ने ओवरटाइम में काम करने से मना कर दिया था।

घटना का शिकार दूसरा मजदूर जुगल टेट घटना के 24 घंटे बाद भी लापता है। मृतक मजदूर सीवान जिले का रहने वाला था। जबकि लापता मजदूर ओडिशा के राजगांगपुर का रहने वाला है। घटना मंगलवार रात 10 से 12 बजे के बीच प्लांट परिसर से सटे मजदूर कॉलोनी में घटित हुई।

घटना से आक्रोशित लोडिंग मजदूरों ने बुधवार सुबह डालमिया सीमेंट प्लांट के मुख्य द्वार को जानकर ट्रांसपोर्ट व रैक  लोडिंग का काम पूरी तरह से ठप कर दिया। आक्रोशित मजदूर नियोजन मुआवजा, लापता मजदूर की तलाश व हत्या में शामिल ट्रांसपोर्टर सह लोडिंग कंपनी के लोगों के गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।

ट्रांसपोर्टर पुत्र समेत छह पर हत्या का आरोप

बुधवार शाम मृतक नागेंद्र यादव के बड़े भाई विरेंद्र यादव ने बालिडीह पुलिस को लिखित शिकायत की है। जिसमें श्री दुर्गा इंटरप्राइजेज ट्रांपोर्टर सह रेलवे वैगन लोडिंग कंपनी के मालिक मंटू सिंह के बेटे विशाल सिंह, सुपरवाइजर धर्मेंद्र यादव, दिग्विजय सिंह, सूरज सिंह, लालू सिंह, राहुल सिंह को हत्या का आरोपी बनाया गया है। आवेदन के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। इधर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

एक शिफ्ट की ड्यूटी खत्म कर आया था घर

मंगलवार सुबह ए शिफ्ट ड्यूटी खत्म कर दो बजे घर आया। उसी रात दस बजे कंपनी सुपरवाइजर धर्मेंद्र यादव पहुंचकर नाइट शिफ्ट ड्यूटी करने का दवाब बनाने लगा। नागेंद्र ने कहा कि लगातार कई दिन से ओवरटाइम कर मानसिक व शारीरिक रूप से थक चुका है। वह ओवरटाइम नहीं कर पाएगा।

इस मुद्दे दोनों में तू तू मैं मैं हुई। सुपरवाइजर के वहां से जाने के कुछ देर बाद वापस आरोपियों के साथ लौटा। बेरहमी से मजदूर की पिटाई शुरू कर दी। मारपीट की इसी कड़ी में नागेंद्र के सिर पर जोरदार प्रहार किया गया। जिससे लहुलूहान होकर गिर पड़ा। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। जबकि मारपीट का शिकार दूसरा मजदूर रहस्यमई तरीके से लापता हो गया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."