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November 22, 2024 5:26 pm

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भ्रष्ट उप प्रभागीय वनाधिकारी के कारनामों को लेकर सपा नेता ने मुख्य वन संरक्षक को लिखा पत्र

16 पाठकों ने अब तक पढा

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है जहां पर कूट रचित तरीके से प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी बन उप प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित अपने चहेते ठेकेदारों की फर्मों के नाम भुगतान कर सरकारी धन का बंदरबाट कर रहा है व करोड़ों रुपए का भुगतान फर्जी तरीके से कर लिया है जिसकी जांच कराई जानी आवश्यक है l

समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव समाजवादी अनुसूचित/जनजाति प्रकोष्ठ व राज्य कार्यकारिणी सदस्य रितुराज वर्मा ने मुख्य वन संरक्षक बुन्देलखण्ड जोन झांसी को लिखे पत्र में बताया कि आर के दीक्षित उप प्रभागीय वनाधिकारी कर्वी के पद पर वर्ष 2019 से कार्यरत हैं चित्रकूट वन प्रभाग में सीनियर आई एस एफ कैलाश प्रकाश की तैनाती चित्रकूट वन प्रभाग में ही है लेकिन आर के दीक्षित द्वारा कूट रचित चाल के अन्तर्गत कैलाश प्रकाश को अतिरिक्त चार्ज दुधवा नेशनल पार्क पलिया लखीमपुर खीरी का आदेश प्रमुख सचिव वन उप्र से पत्रांक 1538 दिनांक 03/12/2021 से कैलाश प्रकाश की अनुपस्थिति में प्रशासनिक एवं वित्तीय अधिकार प्राप्त कर चित्रकूट वन प्रभाग के तीनों पदों पर क्रमशः प्रभारी वनाधिकारी चित्रकूट, वन्य जीव प्रतिपालक रानीपुर पशु विहार व उप प्रभागीय वनाधिकारी कर्वी का चार्ज प्रदेश के सबसे जूनियर सहायक वन संरक्षक जिसका वरिष्टता क्रमांक 137 है को राज्य सरकार धन का दुरुपयोग करने के लिए प्रमुख सचिव वन उप्र से उपरोक्त आदेश कराकर प्रभाग में भारतीय वन अधिनियम 1980 में दिए गए प्राविधानों का एवं मुख्य वन संरक्षक बुन्देलखण्ड जोन झांसी के पत्रांक 2991/29-1 दिनांक 29/12/2021 का खुला उलंघन करते हुए ठेकेदारी प्रथा के अन्तर्गत पटेल एग्रो फारेस्ट्ररी इलाहाबाद एवं फारेस्ट प्वाइंट इलाहाबाद एवं अन्य फर्मों के नाम आफ़ लाइन टेंडर स्वयं खोलकर इन फर्मों के नाम लगभग चार करोड़ बाईस लाख रुपए माह जनवरी 2022 में भुगतान कराया गया है जबकि इन कार्यों के लिए शासनादेशानुसार श्रमिकों के खाते में सीधे मजदूरी का भुगतान नियमानुसार किया जाना चाहिए था परन्तु आर के दीक्षित ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उक्त फर्मों के नाम एकमुश्त धनराशि का भुगतान करके पूरी रकम जो शासकीय थी उसका गबन कर लिया गया है जिसकी उच्च स्तरीय आडिट टीम या अन्य विभाग के वित्त नियंत्रक के माध्यम से कराया जाना इनके अभिलेखों की जांच नितांत आवश्यक है यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आर के दीक्षित चित्रकूट वन प्रभाग के अन्तर्गत बरगढ़ के परदवा बीट में सिलका सैंड का लगभग एक हजार हेक्टेयर में अवैध खनन कराकर इनके द्वारा बेंचा जा रहा है इसी तरह रैपुरा रेंज के अगरहुडा बीट में मोरम तथा बरगढ़ रेंज के देशाह बीट में मोरम का अवैध खनन कराकर स्थानीय मार्गो के निर्माण के लिए बेचा जाता है यदि आर के दीक्षित को प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी बनाए रखा जाता है तो चित्रकूट वन प्रभाग के आने वाले समय में और भी बड़ा घोटाला सामने आ सकता है व बहुमूल्य वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाया जा सकता है आर के दीक्षित ने अपनी अवैध कमाई के चलते अरबों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की है जिसमें लखनऊ स्थित जानकीपुरम में इनकी पत्नी के नाम लगभग 50 करोड़ की लागत का मकान है इलाहाबाद व नैनी में इन्होंने अपने भाई व बहू के नाम से दो मकान व दो प्लाट खरीद रखे हैं तथा सीतापुर रोड़ में इन्होंने लगभग 45 बीघे का अपने परिवार के सदस्यों एवं रिश्तेदारों के नाम से कृषि फार्म एवं दूध डेयरी तथा हास्टल आदि का निर्माण कराकर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है तथा बैंको में नामी व बेनामी खातों में करोड़ों रुपए जमा कर रखा है जिसकी जांच सतर्कता से कराई जानी अति आवश्यक है l

शिकायत कर्ता ने यह मांग की है कि आर के दीक्षित को प्रमुख सचिव वन के आदेश संख्या 1538 दिनांक 03/12/2021 को समाप्त करते हुए इनको तत्काल इस वन प्रभाग से कार्यालय प्रधान वन मुख्य संरक्षक और विभागाध्यक्ष उप्र के कार्यालय में संबद्ध करते हुए जांच कराई जाय जिससे जांच प्रभावित न हो सके अगर आर के दीक्षित जांच के दौरान वन प्रभाग चित्रकूट में तैनात रहते हैं तो जांच अवश्य प्रभावित होगी l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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