नीरज जैन की रिपोर्ट
झांसी। काली अमावस की रात में मां निकली कालभैरव के साथ में, मां काली -महाकाली। काल क्या करेगा महाकाल के आगे। कुछ ऐसे ही भजनों से मंगलवार को महानगर गूंज उठा।
श्री श्री 1008 श्री महाकाली विद्या पीठ मंदिर लक्ष्मी गेट के भव्य प्राचीन प्रांगण मैं दिव्य सहस्त्र चंडी महायज्ञ का विशाल आयोजन 42 वर्ष पश्चात 9 मार्च तक किया गया है। इस महायज्ञ की विशाल कलश शोभा यात्रा महानगर में धूमधाम से निकाली गई।
महाकाली मंदिर लक्ष्मी गेट से महाकाली की भव्य आरती के साथ प्रारंभ होकर बड़ा बाजार, गांधी रोड, सुभाष गंज,रानी महल, सिंधी चौराहा, कोतवाली से होते हुए पंचकुइयां मंदिर पहुंची। मां शीतला को पोशाक चढ़ाकर वापस सराफा बाजार होते हुए वापस महाकाली मंदिर आ गई।
शोभायात्रा में भगवान के स्वरूप महाकाली जी, शिव शंकर जी,गणेश जी के शामिल रहे। तो वही बैंड बाजे और डीजे भक्ति में धुन बजाते हुए आगे चल रहे थे। महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रही थी।
मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विजय त्रिवेदी ने बताया कि महाकाली मंदिर पर प्रतिदिन सुबह 5 बजे से बनारस से आए हुए ब्राह्मणों द्वारा वैदिक स्वर में मां का अभिषेक होगा। 7:30 से 10:00 तक वैदिक पाठ प्रारंभ होगा। सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक महायज्ञ होगा। पूर्णाहुति 9 मार्च को प्रातः 10 बजे होगी। उसके पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन होगा।
यह यज्ञ बहुमुखी प्रतिभा के धनी तंत्र के साधक मां काली की सिद्धि प्राप्त गुरुदेव जी के आशीर्वाद से इस दिव्य श्री शक्ति सहस्त्र चंडी महायज्ञ का आयोजन उनके ब्रह्मलीन होने के बाद लगभग 40 वर्ष पश्चात मां के दरबार में हो रहा है। इस यज्ञ का धैर्य संपूर्ण भारतवर्ष ही नहीं अपितु विश्व में फैली महामारी से बचाव तथा विश्व कल्याण होता है।
इस दौरान विधायक राजीव सिंह पारीछा, आचार्य अनुज कृष्ण शास्त्री, बृजेंद्र यादव भोजला, अर्जुन सिंह यादव, मुकेश मिश्रा ओमशांति नगर, पंडित गोपाल त्रिवेदी, अमित रावत, भूपेंद्र रायकवार, अभिषेक गुप्ता, हरीश भटनागर, बीडी शर्मा, रुद्र नारायण तिवारी, राघवेंद्र अवस्थी आदि उपस्थित रहे। अंत में आभार चरण सेवक पंडित पियूष रावत ने व्यक्त किया।
Author: samachar
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