जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़ में भारत रत्न और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में सांसद धर्मेंद्र यादव ने बाबा साहेब को नमन करते हुए उनके दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। उन्होंने अंबेडकर पार्क पहुंचकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सामाजिक न्याय की भावना को सशक्त करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र यादव ने कहा कि,
“बाबा साहब ने वह संविधान दिया, जिसने सदियों से शोषित, वंचित और दबे-कुचले वर्गों को अधिकार, सम्मान और पहचान दी। एक दौर था जब दलित समाज को इंसान तक नहीं समझा जाता था। उन्हें तालाब का पानी पीने से रोका जाता था, कमर में झाड़ू और गले में मटका बांधने को मजबूर किया जाता था। लेकिन बाबा साहब ने संघर्ष करते हुए सभी को सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक और आर्थिक आज़ादी दिलाई।”
सांसद यादव ने स्पष्ट कहा कि यदि संविधान न होता, तो आज गरीबों और पिछड़ों को अधिकार नहीं मिल पाते। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ‘मनु के विधान’ को लागू कर देश को फिर से जातिगत असमानताओं की ओर ले जाना चाहती है। दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को हाशिए पर लाने की साजिश हो रही है। ऐसे में अब समय आ गया है कि सबको एकजुट होकर भाजपा को सत्ता से हटाना होगा। उन्होंने पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) के संगठन को मज़बूत कर सरकार बनाने की अपील की।
इसके अलावा सांसद ने घोषणा की कि अंबेडकर पार्क को भव्य और ऐतिहासिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, और इसके सौंदर्यीकरण में जो भी धन लगेगा, वह उनकी सांसद निधि से खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा,
“भाजपा कभी नहीं चाहेगी कि बाबा साहब का सम्मान बढ़े, लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके विचार हर व्यक्ति तक पहुंचे।”
इस अवसर पर कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष हवलदार यादव, विधायकगण दुर्गा प्रसाद यादव, डॉ. संग्राम यादव, अखिलेश यादव, पूजा सरोज, नफीस अहमद, एच एन सिंह पटेल, पूर्व सांसद नंदकिशोर यादव, पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा, चंद्रदेव राम यादव करैली, पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह यादव, पूर्व एमएलसी राकेश कुमार यादव गुड्डू, अभय नारायण पटेल, बृजलाल सोनकर, रामप्यारे यादव, राजेश यादव, अजीत कुमार राव, जीएस प्रियदर्शी, संतोष कुमार गौतम, आशुतोष चौधरी, सुशील आनंद, जगदीश प्रसाद, कुणाल मौर्य, दीपचंद विशारद, विवेक सिंह, संदीप रजत सेठ आदि शामिल थे।
निष्कर्षतः, यह कार्यक्रम केवल श्रद्धांजलि का आयोजन नहीं था, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की पुनः प्रतिज्ञा का मंच भी बना। धर्मेंद्र यादव का संकल्प और उनके संबोधन ने यह स्पष्ट किया कि बाबा साहब का सपना अधूरा नहीं रहने दिया जाएगा।