कोटा में आयोजित अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में 24 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अधिवेशन में समाज के उत्थान हेतु कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए और समाज की सेवा को वंदनीय बताया गया।
कृष्णा नगर, रंगबाड़ी ऑडिटोरियम, कोटा। देशभर के 24 राज्यों से आए प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 12-13 अप्रैल को ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ। यह अधिवेशन न केवल समाज के उत्थान की दिशा में एक निर्णायक कदम सिद्ध हुआ, बल्कि वाल्मीकि समाज के समर्पण और सेवाभाव को एक नई पहचान भी दिलाने में सफल रहा।
दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ
अधिवेशन की शुरुआत भगवान वाल्मीकि जी की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन से की गई। इसके पश्चात मंचासीन अतिथियों का स्वागत व सम्मान किया गया, जिनमें प्रमुख रूप से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा सांसद उमेश नाथ जी महाराज, सांसद अनूप वाल्मीकि, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, विधायक संदीप शर्मा, विधायक हीरालाल नगर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राजगोपाल राजा उपस्थित रहे।
समाज की सेवा को बताया वंदनीय
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा,
“वाल्मीकि समाज की सेवा व समर्पण वंदनीय है, और इसका सम्मान हर वर्ग को करना चाहिए।”
वहीं, राज्यसभा सांसद उमेश नाथ ने कहा,
“आज भी समाज अवसरों की समानता से बहुत दूर है। इसे बदलना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।”
महासभा के प्रस्ताव और संकल्प
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष राजगोपाल राजा द्वारा समाजहित में निम्नलिखित प्रस्ताव रखे गए, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया:
1. वाल्मीकि समाज को वर्गीकृत आरक्षण में पृथक आरक्षण प्रदान किया जाए।
2. सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को चिन्हित करने हेतु एक विशेष कमेटी का गठन किया जाए।
3. राज्य एवं राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए।
4. अनुशासनात्मक कार्यों पर निगरानी के लिए प्रशासनिक कमेटी का गठन किया जाए।
5. राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना की जाए।
शांति और सौहार्द का संदेश
पूरे अधिवेशन में शांति, अनुशासन और सौहार्द का वातावरण बना रहा। मेहमानों के ठहरने व भोजन की उत्तम व्यवस्था की गई। कार्यक्रम के अंत में सभी आगंतुकों को मिठाई और दुपट्टा भेंट कर विदाई दी गई। इस उत्कृष्ट मेजबानी के लिए महासभा की प्रदेश इकाई साधुवाद की पात्र रही।
संचालन और स्वागत
कार्यक्रम का सफल संचालन नरेंद्र राजा ने किया जबकि प्रदेश अध्यक्ष विकास चरनाल ने स्वागत भाषण के माध्यम से महासभा की भावनाओं को अभिव्यक्त किया।
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन ने यह स्पष्ट कर दिया कि वाल्मीकि समाज अपने चहुंमुखी विकास के लिए पूरी तरह तैयार है। इस आयोजन ने न केवल संगठनात्मक एकता को मजबूत किया, बल्कि समाज के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर खुलकर मंथन कर उनके समाधान की दिशा भी तय की।
➡️वल्लभ भाई लखेश्री की रिपोर्ट