सेना भर्ती के नाम पर जालसाजी: तरकुलवा क्षेत्र के 11 युवाओं से 65 लाख की ठगी, जांच में जुटी पुलिस

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देवरिया के तरकुलवा थाना क्षेत्र में सेना और पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे 11 युवकों से जालसाजों ने 65 लाख रुपये ठग लिए। ऊंची सिफारिश और सरकारी नौकरी का झांसा देकर युवक को ठगा गया। पुलिस में शिकायत दर्ज, जांच जारी।

देवरिया जनपद के तरकुलवा थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें सेना और पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को जालसाजों ने शातिर तरीके से ठग लिया। जानकारी के अनुसार, इन बेरोजगार युवाओं से करीब 65 लाख रुपये की ठगी की गई है। आरोपियों ने ऊंचे संपर्कों और नौकरी लगवाने का झांसा देकर युवाओं को फंसाया और फिर फरार हो गए। फिलहाल, पीड़ितों की ओर से पुलिस में तहरीर दी गई है, जिसके आधार पर जांच शुरू कर दी गई है।

तैयारी के दौरान बना शिकार

दरअसल, तरकुलवा थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के 20 से अधिक युवक सेना भर्ती की तैयारी के लिए एएनडी इंटर कॉलेज, पथरदेवा के मैदान में नियमित रूप से अभ्यास करते थे। इसी दौरान, बघौचघाट थाना क्षेत्र का एक युवक वहां पहुंचा और खुद को त्रिपुरा राज्य राइफल्स (TSR) में कार्यरत एक अधिकारी का भाई बताते हुए युवाओं से संपर्क में आया।

ऊंची सिफारिश और नौकरी का झांसा

उसने दावा किया कि उसके भाई के पास TSR और SSC में नौकरी लगवाने की अच्छी सिफारिश है। उसने युवाओं से कहा कि अगर वे नौकरी चाहते हैं, तो उन्हें अपने शैक्षिक प्रमाणपत्र और प्रति व्यक्ति छह लाख रुपये उसके पास जमा करने होंगे। इसके बाद, वह अगले दिन अपने कथित भाई को लेकर मैदान में आया और 11 युवाओं से उनकी मुलाकात करवाई।

कैश में मांगे पैसे, बैंक ट्रांजेक्शन से किया इनकार

युवाओं के अनुसार, आरोपियों ने स्पष्ट कर दिया कि वे बैंक या मोबाइल ट्रांजेक्शन से पैसे नहीं लेंगे, बल्कि उन्हें केवल कैश में रकम चाहिए। मासूम युवकों ने विश्वास कर रुपये इकट्ठा किए और उन्हें सौंप दिए। कई युवकों ने तो अपने खेत तक गिरवी रख दिए।

किसने कितनी राशि दी?

पीड़ितों में पथरदेवा गांव के संतोष प्रजापति ने 7.50 लाख, रंजन कुशवाहा ने 8 लाख, जितेंद्र कुशवाहा ने 6 लाख, संजीव ने 5.40 लाख, हरिओम कुशवाहा ने 6.50 लाख, मुकेश ने 6 लाख, प्रवीण ने 3 लाख, गोपाल ने 7.20 लाख, जितेंद्र ने 4 लाख, उपेंद्र ने 10 लाख और संतोष ने दोबारा 5.80 लाख रुपये आरोपी को दिए। कुल मिलाकर 64.40 लाख रुपये की ठगी हुई।

जब धोखा साफ हुआ

काफी समय बीत जाने के बाद भी जब किसी की नौकरी नहीं लगी और आरोपी लगातार टालमटोल करने लगा, तब युवाओं को ठगी का एहसास हुआ। 22 फरवरी को जब सभी पीड़ित युवक उसके घर पहुंचे, तो आरोपियों ने उन्हें धमकाकर भगा दिया।

पुलिस कर रही जांच

थाना प्रभारी मृत्युंजय राय ने बताया कि पीड़ितों की ओर से तहरीर प्राप्त हुई है और मामले की जांच जारी है। जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला न केवल युवाओं की आर्थिक क्षति का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह बेरोजगारी का फायदा उठाकर जालसाज युवाओं को अपने जाल में फंसा लेते हैं। जरूरत है सतर्कता और जागरूकता की, ताकि भविष्य में कोई और युवा इस प्रकार की ठगी का शिकार न हो।

➡️सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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