
योगी सरकार का सख्त फैसला! यूपी में अवैध ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा पर कार्रवाई तेज़, पहले ही दिन 900+ वाहन जब्त। ट्रैफिक सुधार और सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार की नई पहल।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में अनधिकृत और अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा के खिलाफ एक महीने का विशेष अभियान शुरू किया है। यह अभियान 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य सड़कों पर यातायात व्यवस्था में सुधार लाना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
अभियान के पहले दिन की रिपोर्ट: महत्वपूर्ण आंकड़े
इस अभियान के पहले दिन, यानी मंगलवार को, प्रदेश में कुल 915 ई-रिक्शा सीज किए गए और 3,035 वाहनों का चालान किया गया। विभिन्न संभागों में की गई कार्रवाई के आंकड़े निम्नलिखित हैं:
गाजियाबाद संभाग: 381 ई-रिक्शा पर कार्रवाई
आगरा संभाग: 363 ई-रिक्शा पर कार्रवाई
लखनऊ: 200 ई-रिक्शा सीज
झांसी: 199 ई-रिक्शा पर कार्रवाई
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार अवैध वाहनों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है।
अभियान का उद्देश्य और मुख्यमंत्री के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में नाबालिगों द्वारा वाहन संचालन पर रोक लगाई जाए और ओवरलोडिंग को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने यह भी कहा कि टेंपो और ई-रिक्शा चालकों का प्राथमिकता के साथ सत्यापन कराया जाए।
इस आदेश के तहत, परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन संयुक्त रूप से इस अभियान को प्रभावी तरीके से चला रहे हैं।
विभिन्न जिलों में कार्रवाई की झलक
वाराणसी: पहले दिन 14 ऑटो और ई-रिक्शा सीज किए गए, जबकि 100 वाहनों का चालान किया गया। यह कार्रवाई पांडेयपुर, पुलिस लाइन तिराहा, बाबतपुर तिराहा, आशापुर चौराहा, चंद्रा चौराहा और सारनाथ मार्ग पर की गई।
एटा: यातायात पुलिस और एआरटीओ ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर 22 वाहनों को पकड़ा, जिनमें से 14 का चालान किया गया और 4 को सीज किया गया।
नोएडा: नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा चलाने के मामले में 5 वाहन मालिकों पर केस दर्ज किया गया। अब तक 564 ई-रिक्शा जब्त किए जा चुके हैं।
अभियान की आवश्यकता और चुनौतियाँ
प्रदेश में कई स्थानों पर ई-रिक्शा अनियमित रूप से खड़े हो जाते हैं, जिससे यातायात जाम की समस्या उत्पन्न होती है। इसके अलावा, कई स्थानों पर अवैध स्टैंड बनाए गए हैं, जो ट्रैफिक के सुचारु संचालन में बाधा डालते हैं।
साथ ही, कई ई-रिक्शा चालकों का अभी तक सही तरीके से सत्यापन नहीं हो सका है, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बढ़ गई हैं।
अभियान की नियमित मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग
यह विशेष अभियान 30 अप्रैल तक जारी रहेगा और इसे नियमित रूप से मॉनिटर किया जाएगा। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और एसएसपी/एसपी को पत्र लिखकर इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान की रिपोर्ट साप्ताहिक रूप से शासन को भेजी जाएगी।
यातायात सुधार और सुरक्षा की दिशा में अहम कदम
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान यातायात व्यवस्था को सुधारने और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अवैध और अनधिकृत वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि यातायात व्यवस्था भी सुचारु रूप से चलेगी।
जनता से अपील की जाती है कि यातायात नियमों का पालन करें और प्रशासन के साथ सहयोग करें, ताकि प्रदेश की सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाया जा सके।
➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट