ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा से जुड़े एक सीसीटीवी फुटेज ने दंगे की असली तस्वीर सामने ला दी है। वीडियो में एक व्यक्ति को देसी तमंचे के साथ दिखाया गया है, जो किसी पर निशाना साधते या गोली चलाते नजर आ रहा है। इस दौरान उसके आसपास नकाबपोश लोग जमीन से ईंट और पत्थर उठाते हुए देखे गए। पुलिस का दावा है कि यह घटना सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।
पुलिस का दावा: दंगाइयों ने की थी फायरिंग
संभल हिंसा के दौरान यह आरोप लगाया जा रहा था कि पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हुई। हालांकि, मुरादाबाद के कमिश्नर और पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई, बल्कि दंगाइयों की तरफ से फायरिंग की गई थी। पुलिस के इस बयान को सीसीटीवी फुटेज से भी समर्थन मिलता है, जिसमें एक व्यक्ति तमंचा लेकर खड़ा दिखाई दे रहा है।
एफआईआर से हुआ मकसद साफ
संभल पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर ने दंगों का मकसद और इसके पीछे की साजिश को उजागर कर दिया है। एफआईआर के अनुसार, दंगाइयों का उद्देश्य कोर्ट के आदेश पर हो रहे मस्जिद के सर्वे को रुकवाना था। इसके लिए एक सुनियोजित योजना बनाई गई थी, जिसके तहत भीड़ को उकसाया गया और हिंसा को अंजाम दिया गया।
पुलिसकर्मियों पर हमले और हथियार लूटने का प्रयास
एफआईआर में दर्ज है कि हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया और उनके हथियार और कारतूस छीनने का प्रयास किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दंगाइयों ने उसकी सरकारी पिस्तौल से मैगजीन तक छीन ली। भीड़ को निर्देश दिया गया था कि “पुलिसवालों को मार डालो और उनके हथियार छीन लो।”
सांसद और विधायक के बेटे पर गंभीर आरोप
इस हिंसा में संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। एफआईआर में कहा गया है कि सांसद जिया उर रहमान ने मस्जिद के पास जमा भीड़ को भड़काया और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की। वहीं, विधायक के बेटे सुहैल इकबाल पर भीड़ को उकसाने और हिंसा को समर्थन देने का आरोप है।
एफआईआर में यह भी लिखा गया है कि सुहैल इकबाल ने भीड़ से कहा, “हम तुम्हारा कुछ नहीं होने देंगे, अपने मंसूबे पूरे करो।” इसके बाद ही भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया। हालांकि, सुहैल इकबाल ने मीडिया के सामने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है।
गिरफ्तारी पर सवाल
एफआईआर में सांसद और विधायक के बेटे को मुख्य आरोपी बताया गया है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस पर निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा दिलाने का दबाव बढ़ रहा है।
संविधान दिवस पर पुलिस का संकल्प
इस हिंसा के बीच, संविधान दिवस के अवसर पर यूपी पुलिस ने संविधान की शपथ ली। संभल कोतवाली में तैनात पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संकल्प लिया।
निष्पक्षता की कसौटी पर पुलिस
संभल हिंसा ने प्रशासन और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस को अब इस घटना की निष्पक्ष जांच करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि दोषियों को उनके कृत्य की सजा मिले। इस मामले में राजनीति और सांप्रदायिकता के बीच फंसे परिवारों को न्याय दिलाना एक चुनौती साबित हो सकता है।