जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
मऊ पुलिस अधीक्षक इलामारण जी के नेतृत्व में अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट बनवाने की कोशिश करते तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना तब सामने आई जब ये तीनों आरोपी थाने के अंदर घुसकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार, मामले की जांच के दौरान आरोपियों द्वारा प्रस्तुत किए गए आधार कार्ड संदेहास्पद पाए गए। जब इन दस्तावेजों की मशीन द्वारा जांच की गई, तो उनका डेटा फर्जी साबित हुआ। इसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को तुरंत हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में खुलासा
पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने कबूल किया कि वे ऐसे लोगों के लिए पासपोर्ट बनवाने का काम करते हैं, जिनका नाम किसी कारणवश पासपोर्ट के लिए अस्वीकार कर दिया गया हो। इसके लिए वे फर्जी नाम और पते का इस्तेमाल करते हैं और इस काम के बदले मोटी रकम वसूलते हैं। आरोपियों ने यह भी खुलासा किया कि इस रकम का एक हिस्सा लखनऊ स्थित पासपोर्ट कार्यालय के एक व्यक्ति को दिया जाता है, जो उनके फर्जी पासपोर्ट प्रक्रिया में सहयोग करता है।
गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान इस प्रकार हुई है:
1. श्यामबहादुर यादव, पुत्र सुरेंद्र यादव, निवासी मेहबलकर पंडितपुरा, बड़हलगंज, गोरखपुर।
2. श्यामकरन यादव, पुत्र राजनाथ यादव, निवासी लखनौरी, बड़हलगंज, गोरखपुर।
3. राकेश साहनी, पुत्र राजकरन साहनी, निवासी बेलौली, सोनबरसा, दोहरीघाट, मऊ।
इन तीनों आरोपियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनाने का संगठित रैकेट चलाने का आरोप है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
मऊ पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब इस रैकेट के अन्य सदस्यों और लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय के संदिग्ध कर्मचारी की भूमिका की जांच कर रही है। यह मामला फर्जी दस्तावेजों के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर खतरे को उजागर करता है।
मऊ पुलिस अधीक्षक ने इस सफल अभियान के लिए पुलिस टीम को बधाई दी है और नागरिकों से आग्रह किया है कि वे ऐसे किसी भी गैरकानूनी गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।