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November 6, 2024 2:54 pm

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फंड नहीं मिला तो बीजेपी विधायक ने पुश्तैनी जमीन बेचकर बनवाया छठ तालाब

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हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित बैकुंठ धाम का सूर्यकुंड तालाब इस बार छठ पूजा के लिए पूरी तरह तैयार है। यह तालाब अब न केवल छठ पूजा बल्कि तीज नहावन और अन्य धार्मिक परंपराओं के लिए भी उपयोगी होगा। इस तालाब के निर्माण और सौंदर्यीकरण का श्रेय वैशाली नगर के विधायक और बीजेपी उम्मीदवार राकेश सेन की एक विशेष शपथ को जाता है।

दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान राकेश सेन ने वैशाली नगर से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए गंगाजल लेकर यह वादा किया था कि अगर वह विधायक बने, तो वह सूर्यकुंड तालाब का विस्तार और सौंदर्यीकरण करेंगे ताकि स्थानीय निवासियों को पूजा-पाठ में कोई समस्या न हो।

चुनाव प्रचार के दौरान, गोरखपुर के सांसद और भोजपुरी अभिनेता रवि किशन की आमसभा में नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा ने भी इस मुद्दे की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह परियोजना वर्षों से लंबित थी और इसके पूर्ण होने की सख्त आवश्यकता थी। राकेश सेन ने इस मौके पर गंगाजल लेकर तालाब के निर्माण का संकल्प लिया। चुनावों के बाद, दिसंबर 2023 में विधायक बनते ही उन्होंने अपनी कसम पूरी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

जब उन्होंने इस परियोजना के लिए निगम और जिला प्रशासन से संपर्क किया, तो पता चला कि सरकारी फंड से इसे बनाने में कई तकनीकी अड़चनें हैं। ऐसे में, अपनी कसम निभाने के लिए राकेश सेन ने अपने गांव की पैतृक संपत्ति, जिसकी कीमत 90 लाख रुपये थी, बेच दी। इसके बाद लोगों के सहयोग से बैकुंठ धाम के सूर्यकुंड तालाब के निर्माण का काम शुरू हुआ।

इस परियोजना का भूमिपूजन 20 अगस्त 2004 को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडे और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पत्नी वीणा सिंह के द्वारा किया गया था। हालांकि, तब विपक्ष के कुछ नेताओं ने इस पर कानूनी आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट से काम पर रोक लगवा दी। इसके बाद से परियोजना में लगातार अड़चनें आती रहीं।

विधायक राकेश सेन ने बताया कि गंगाजल की कसम लेने के बाद से यह तालाब उनका ड्रीम प्रोजेक्ट बन गया। फंड की कमी के बावजूद उन्होंने 90 लाख की अपनी जमीन बेच दी और लोगों के समर्थन से काम आगे बढ़ाया। अब तक इस तालाब पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और 60% से अधिक सौंदर्यीकरण कार्य पूरा हो चुका है। बचा हुआ कार्य छठ पूजा के बाद पूरा किया जाएगा, जिससे सूर्यकुंड तालाब वैशाली नगर की एक विशेष पहचान बनेगा।

इस तालाब में अब मां गंगा सहित 51 पवित्र नदियों का जल समाहित किया गया है। इसके लिए पिछले छह महीनों से जल एकत्रित किया जा रहा था। गंगा, यमुना, गोदावरी, कावेरी, ब्रह्मपुत्र और अन्य प्रमुख नदियों के जल को तालाब में मिलाकर एक कलश यात्रा निकाली गई। सूर्यकुंड तट पर भगवान सूर्य का अभिषेक और गंगा आरती के साथ इन नदियों के पवित्र जल का समावेश हुआ।

राकेश सेन ने बताया कि पिछले 20 वर्षों में कई जनप्रतिनिधि विभिन्न पदों पर आए, लेकिन इच्छाशक्ति की कमी और कानूनी अड़चनों के कारण यह काम पूरा नहीं हो पाया। उनके संकल्प के कारण ही आज यह तालाब साकार हो सका है।

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