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November 22, 2024 11:01 am

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बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा: भाजपा विधायक ने मुस्लिम पत्रकारों को निशाना बनाकर बढ़ाया तनाव

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़कने से एक गंभीर घटना घटित हुई। 13 अक्टूबर की शाम को महसी तहसील के महाराजगंज इलाके में शुरू हुई इस हिंसा में गोपाल मिश्रा नामक एक हिंदू युवक की गोली लगने से मौत हो गई, और कई अन्य घायल हो गए। इस दौरान तनाव को और भड़काने का काम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने किया, जिन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर मुस्लिम पत्रकारों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।

त्रिपाठी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 13 मुस्लिम पत्रकारों की सूची साझा की, और इन पत्रकारों पर पक्षपाती रिपोर्टिंग का आरोप लगाया। उनका कहना था कि बहराइच से आने वाली खबरों की निष्पक्षता पर सवाल उठाया जाना चाहिए क्योंकि ये पत्रकार मुस्लिम समुदाय से आते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन और मीडिया झूठ फैलाकर दंगाइयों को बचाने में लगे हैं। त्रिपाठी, जो खुद एक टेलीविजन पत्रकार रह चुके हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पूर्व मीडिया सलाहकार भी रहे हैं, ने अपनी पोस्ट के जरिए सांप्रदायिक विभाजन को और गहरा कर दिया।

घटना की शुरुआत तब हुई जब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के जुलूस के दौरान कुछ मुसलमानों ने अपने घरों के बाहर बज रहे तेज संगीत पर आपत्ति जताई। इसके बाद तनाव बढ़ता गया और हिंसा की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस के अनुसार, महाराजगंज में मस्जिद के पास से गुजरते हुए जुलूस पर पथराव हुआ, जिसके बाद दोनों समुदायों के बीच टकराव हुआ।

एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि कुछ लोगों ने दंगा भड़काने की कोशिश की, जिसमें गोपाल मिश्रा पर गोली चलाई गई और उनकी मौत हो गई। इसके बाद हिंसा और भी भड़क गई, और स्थानीय हिंदू समुदाय के लोग धरने पर बैठ गए। उन्होंने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।

गोपाल मिश्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह एक इमारत की छत पर लगे हरे झंडे को हटाते हुए दिख रहे थे, जबकि नीचे भीड़ “जय श्री राम” और “जय बजरंग बली” के नारे लगा रही थी।

इस घटना के बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया, और कई स्थानों पर दुकानों, वाहनों और संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है और मुख्य आरोपी सलमान की तलाश जारी है, जिसके घर से मिश्रा पर गोली चलाई गई थी।

घटना को लेकर राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे आगामी उपचुनावों से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि सांप्रदायिक हिंसा भाजपा की पुरानी रणनीति है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

त्रिपाठी की मुस्लिम पत्रकारों को निशाना बनाने वाली पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी कड़ी आलोचना हुई, लेकिन वे अपने रुख पर अडिग रहे। उन्होंने अपनी पोस्ट में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की, जबकि स्थानीय भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने हिंदू समुदाय से शांति बनाए रखने की अपील की।

अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर कहा कि चुनाव के समय पर ऐसी घटनाओं का होना महज संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक सोची-समझी रणनीति है। उन्होंने राज्य सरकार पर वास्तविक कानून व्यवस्था लागू न करने का आरोप लगाया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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