इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया, जिलाधिकारी (डीएम) श्रीमती दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में शुक्रवार को धनवंतरि सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिलाधिकारी ने मातृत्व सुरक्षा योजना, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, आशा कार्यक्रम, रोगी कल्याण, परिवार कल्याण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रतिरक्षण कार्यक्रम, हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर आदि की विस्तार से समीक्षा की।
बैठक के दौरान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने जोर देते हुए कहा कि सभी लाभार्थियों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल ऑफिसर इन-चार्ज (एमओआईसी) को निर्देश दिया कि झोलाछाप डॉक्टरों और बिना रजिस्ट्रेशन वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
डीएम के निर्देश पर अगस्त महीने में जिले में झोलाछाप डॉक्टरों, क्लिनिक, और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाया गया था। इस अभियान के तहत कुल 276 जांच की गईं, जिसमें 198 अपंजीकृत संस्थानों को नोटिस जारी किया गया और 44 केंद्रों को सील कर दिया गया। जिलाधिकारी ने इस अभियान की प्रभाविता को देखते हुए इसे एक महीने के लिए और बढ़ाने का निर्देश दिया है।
डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि सभी मकान मालिक यह सुनिश्चित करें कि वे किसी झोलाछाप डॉक्टर, अपंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर, या नर्सिंग होम को किराए पर अपने भवन न दें। यदि इन अपंजीकृत केंद्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है, तो मकान मालिक को असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई।
इसके अतिरिक्त, डीएम ने सभी चिकित्सकों से अपने दायित्वों का पूर्णतया निर्वहन करते हुए अगले महीने में संस्थागत प्रसवों में वृद्धि सुनिश्चित करने का आह्वान किया। जिन कारणों से संस्थागत प्रसवों में कमी हो रही है, उनकी जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों में प्रसव के लिए 228 आशाओं की संदिग्ध भूमिका पाई गई है, जिन्हें प्रधान के माध्यम से नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई है।
डीएम ने स्पष्ट किया कि यदि कोई आशा गर्भवती महिला को निजी अस्पताल भेजती हुई पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने यह भी निर्देश दिए कि स्वास्थ्य केंद्रों में किसी भी बाहरी व्यक्ति से कार्य न लिया जाए।
आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जा रहे कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराया जाए। प्रत्येक आशा को गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) कार्यक्रम को शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। परिवार कल्याण के तहत जनसामान्य को जागरूक करते हुए उन्हें प्रेरित करने पर जोर दिया गया।
डीएम ने कहा कि आशाओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की डोर-टू-डोर विजिट बढ़ाई जाए ताकि नियमित टीकाकरण का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा किया जा सके।
बैठक में सीएमओ डॉ. राजेश झा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट श्रुति शर्मा, एसीएमओ डॉ. सुरेंद्र चौधरी, एसीएमओ डॉ. एच.के. सिन्हा, सीएमएस डॉ. एच.के. मिश्रा, अरबन नोडल अधिकारी डॉ. आर.पी. यादव, डॉ. हरेंद्र कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा, डीपीएम पूनम, डीसीपीएम राजेश गुप्ता, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता विश्वनाथ मल्ल, एआरओ राकेश चंद्र के साथ-साथ डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, सीफार, पाथ, यूपीटीएसयू, यूएनडीपी और न्यूट्रिशन इंटरनेशनल के प्रतिनिधि और सभी एमओआईसी उपस्थित रहे।
Author: samachar
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