ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ के अलग-अलग थाना इलाके में 3 लड़कों ने मंगलवार को सुसाइड कर लिया। दोनों की उम्र 16 साल थी। एक लड़का पिता की मौत से परेशान था। दूसरे ने बीमारी से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। वहीं तीसरे ने पढने में मन नहीं लगने के कारण का नोट लिखकर फांसी लगा ली।
पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
लखनऊ के गोमती नगर में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां 8वीं कक्षा के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली।
15 वर्षीय ऋषभ की लाश उसके घर के एक कमरे में पंखे से लटकती मिली। पास में रखी एक कॉपी में उसने लिखा था, “मम्मी, मैं पढ़ना नहीं चाहता।” यह दृश्य देखकर उसकी मां बेहोश हो गई। परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
ऋषभ की मां सुनीता ने बताया कि ऋषभ बाराबंकी में अपने ननिहाल में रहकर पढ़ाई करता था। दो साल पहले उसे पढ़ाई के लिए बाराबंकी से लखनऊ लाया गया था, लेकिन ऋषभ का मन वहां नहीं लगता था। वह हमेशा ननिहाल में रहकर पढ़ाई करने की बात करता था। बुधवार की रात को जब सुनीता बाजार गई थीं और उनके पति रामतेज काम पर थे, तब ऋषभ ने पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बाजार से लौटने पर सुनीता ने पाया कि घर का दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से देखने पर उन्हें बेटे का शव फंदे से लटकता हुआ दिखाई दिया। यह दृश्य देखकर सुनीता वहीं बेहोश हो गईं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और परिवार से पूछताछ कर रही है।
सुनीता ने बताया कि ऋषभ के जन्म के एक साल बाद वे लखनऊ आ गए थे। उनके पति रामतेज प्लंबर का काम करते हैं, लेकिन वे अपने बेटे को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे। सुनीता ने दुखी होकर कहा, “अब लखनऊ किसके लिए रहूंगी, क्योंकि यहां तो मेरा कुछ बचा ही नहीं।”
ऋषभ के मामा गुड्डू ने बताया कि ऋषभ पिछले आठ साल से उनके घर बाराबंकी में रहकर पढ़ाई कर रहा था और वहां उसका मन बहुत लग गया था। वह पढ़ाई में बहुत तेज था और परिवार के लोग उसका पूरा ध्यान रखते थे। लेकिन दो साल पहले सुनीता और रामतेज ने उसे लखनऊ बुला लिया, जिसके बाद से उसकी पढ़ाई में रुचि कम हो गई और उसका मन लखनऊ में नहीं लगता था।
गुड्डू ने बताया कि ऋषभ ने कई बार उनसे कहा कि वह लखनऊ में नहीं रहना चाहता और बाराबंकी लौटकर ही पढ़ाई करना चाहता है। गुड्डू ने कई बार अपनी बहन और जीजा से ऋषभ को वापस भेजने की बात की, लेकिन वे नहीं माने।
इस दुखद घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है और सभी सदमे में हैं। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और परिवार के बयान दर्ज कर रही है।
गोमतीनगर के विनीतखंड इलाके में एक और दुखद घटना सामने आई है। 16 वर्षीय आदित्य दीक्षित ने मंगलवार की रात करीब 9 बजे अपने घर में पंखे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसकी मां ने आंगन से आदित्य को फंदे से लटकते देखा और तुरंत दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा। परिवार ने पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आदित्य के चाचा हरीश दीक्षित ने बताया कि परिवार मूल रूप से नरनी, सीतापुर का रहने वाला है और आदित्य पास के ही एक स्कूल में 10वीं कक्षा का छात्र था। आदित्य के पिता, सतीश दीक्षित, जो बीएसएनएल में ठेकेदार थे, का दो साल पहले निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद से ही आदित्य सदमे में था, क्योंकि उसे अपने पिता से बहुत लगाव था। आदित्य क्रिकेट में करियर बनाना चाहता था, लेकिन पिता की मौत ने उसके इस सपने को तोड़ दिया। इसके बाद से ही वह मानसिक तनाव में रहने लगा और पढ़ाई में भी उसका मन नहीं लगता था। वह कई बार अपनी जिंदगी से ऊब जाने की बात कहता था, लेकिन परिवार के समझाने के बावजूद उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। अंततः उसने अपनी जान दे दी।
घटना के दिन आदित्य न तो स्कूल गया और न ही कोचिंग। मोहल्ले वालों ने बताया कि वह अपनी मां से क्रिकेट कोचिंग में एडमिशन की बात कर रहा था, लेकिन मां ने कुछ दिन रुकने के लिए कहा था। शाम 6 बजे उसे मोहल्ले में देखा गया था, लेकिन वह गुमसुम लग रहा था। किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि वह आत्महत्या कर लेगा।
घटना के बाद से आदित्य की मां का बुरा हाल है। वह बार-बार बेहोश हो जा रही हैं और होश में आने पर बेटे का नाम लेकर बाहर की तरफ भागती हैं। जब शव को ले जाया जा रहा था, तो वह गाड़ी में चढ़ने की कोशिश कर रही थीं।
इसी दिन डालीगंज के पास एक और युवक, 16 वर्षीय विशाल सिंह ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। विशाल के पिता पेंटिंग का काम करते हैं और मां गुड़िया सिंह लोगों के घरों में काम करती हैं। मंगलवार की दोपहर करीब 3 बजे विशाल ने गमछे के सहारे फांसी लगा ली। जब उसका छोटा भाई रॉबर्ट कोचिंग से घर पहुंचा, तो उसने विशाल को फांसी के फंदे से लटका पाया और तुरंत परिवार को सूचना दी। परिवार ने आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विशाल के पिता ने बताया कि उसके दिल में छेद था और उसका इलाज केजीएमयू में चल रहा था। विशाल इस समस्या से परेशान रहता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इन घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को सदमे में डाल दिया है और सभी परिवार गहरे दुख में हैं।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."