दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बसपा के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो रही हैं। कांग्रेस, सपा और बसपा ने अगर साथ में चुनाव लड़ा तो सियासी समीकरण बदल जाएंगे। अधिकतर सीटों पर भाजपा के साथ सीधा मुकाबला होगा।
भाजपा ने मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर वर्तमान में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान और सपा ने पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को उम्मीदवार बनाया है। अब इंतजार सिर्फ बसपा(BSP) की अगली चाल का है।
अगर बसपा अकेले चुनाव लड़ती है तो त्रिकोणीय मुकाबला होगा, लेकिन अगर इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाती है तो सीधा मुकाबला हो सकता है।
इंडिया के लिए बसपा बनेगी मजबूत कड़ी
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर बसपा, सपा और कांग्रेस के एक साथ चुनाव मैदान में आते ही दलित-मुस्लिम एवं अन्य मतों का मजबूत पैठ बनेगा। 2009 में भाजपा और रालोद ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, तब भी बसपा के कादिर राणा ने जीत हासिल की थी।
इंडिया के साथा आई तो बदल सकते हैं प्रत्याशी
अगर बसपा विपक्ष के गठबंधन में आती है तो पश्चिम यूपी की कई सीटों पर प्रत्याशियों के बदलने की संभावना होगी। ऐसी स्थिति में बिजनौर सीट बसपा के पास हो सकती है। इसकी वजह यह है कि फिलहाल कांग्रेस, बसपा और सपा ने यहां से कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। सियासत के जानकारों का दावा है कि आचार संहिता लागू होने का इंतजार हो रहा है।
बिजनौर सीट से पूर्व सांसद दावेदार
बिजनौर लोकसभा सीट से सपा के कोटे से पूर्व सांसद कादिर राना टिकट के दावेदार हैं। वहीं, मुजफ्फरनगर से पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक को प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है।
लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा के बने थे सांसद
लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो पश्चिम यूपी में रालोद का खाता खाली हो गया था, लेकिन बसपा ने यहां दो सीटें जीत ली थी। इनमें सहारनपुर और बिजनौर सीट पर बसपा के प्रत्याशी सांसद बने थे।
Author: samachar
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