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देहरादून

आखिर मौत की भंवर में फंसे ये 41 बेबस मजदूर कब अपनों से मिलेंगे? आइए जानते हैं टनल में फंसे मजदूरों के हालात

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हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट

देहरादूनः उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग हादसे के 14वें दिन भी फंसे हुए 41 मजदूरों को निकालने में कोई सफलता नहीं मिली। अमेरिकी ऑगर मशीन एक पाइप में फंस गई, जिसके बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। अब अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। पाइप में फंसी ऑगर मशीन को जल्द ही काट के निकाल लिया जाएगा। इस बीच खबर है कि मजदूरों को उनके परिवार से बातचीत कराने के लिए सुरंग में लैंडलाइन की व्यवस्था कराई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीएसएनएल को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।

जनसत्ता ऑनलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएनएल के कर्मचारी कुंदन ने बताया कि सरकार की ओर से निर्देश मिले हैं, जिसके बाद सुरंग के मजदूरों को लैंडलाइन की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसके लिए वायर बिछाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि सुरंग में फंसे मजदूरों को यह लैंडलाइन दिया जाएगा ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों से बात कर पाएं। जानकारी के मुताबिक, चूंकि रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी काफी समय लग सकता है, इसलिए मजदूरों को सुरंग के अंदर फोन भी उपलब्ध कराए गए हैं ताकि वे वहां पर अपना टाइम पास कर सकें।

इधर सिलक्यारा स्थित अस्थायी मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में सरकार पूरी शिद्दत के साथ रेस्क्यू कार्य में जुटी है। उन्होंने स्वयं कम्युनिकेशन सिस्टम के जरिए अंदर फंसे लोगों से बात की है। अंदर फंसे सभी श्रमिक स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समन्वय बनाते हुए सभी संभव विकल्पों पर कार्य किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियां हर संभव प्रयास कर रहे हैं। धामी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में दुनियाभर के विशेषज्ञों का तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निरंतर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। रेस्क्यू कार्य में किसी भी तरह की अड़चन न आए, इसके लिए पहले से ही सेना के अलावा देश और विदेश की विशेषज्ञ तकनीकी एजेसियों की मदद ली गई है। रेस्क्यू कार्य में तकनीकी और संसाधनों की कोई कमी नहीं है। सरकार की प्राथमिकता सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालना है। यह कार्य काफी चुनौतीपूर्ण है, बावजूद सभी केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां दिनरात काम कर रही हैं। इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्य सचिव एस.एस. संधू और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ( भारत सरकार) के सचिव अनुराग जैन मौजूद रहे।(आईएएनएस इनपुट के साथ)

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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