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November 23, 2024 4:41 am

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दुखद : रफ्तार की यह कैसी सनक कि सड़क पर मां का कलेजा चाक हो गया 

14 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 

नन्हा प्यारा सा बच्चा सुबह-सुबह पांच बजे अपने कोच के साथ स्केट की प्रैक्टिस कर रहा था, मां थोड़ी दूरी से अपने बेटे को प्रैक्टिस करते हुए निहार रही थी, लेकिन तभी एक सफेद रंग की तेज कार सामने से आई और बच्चे को रौंदती हुई आगे बढ़ गई। मां की आंखों ने जो देखा उसे यकीन नहीं हुआ, दिल चाक हो गया था, लेकिन कदम तेजी से बेटे की तरफ बढ़े। अपने बेटे को बचाने के लिए मां पूरी तेजी से आगे बढ़ी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। एक मां की आंखों के सामने तेज रफ्तार कार मासूम की जान ले चुकी थी।

मां की आंखों के सामने रफ्तार ने ली मासूम की जान

हर रोज की तरह सुबह-सुबह लखनऊ की एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव ने अपने बेटे को तैयार किया। दोनों मां बेटे सुबह पांच बजे घूमने जाते थे। बेटा निमिष प्रैक्टिस करता था, जबकि एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव मॉर्निंग वॉक करतीं थीं। कल भी ऐसा ही हुआ दोनो मां बेटे सुबह मॉर्निंग वॉक और स्केट के लिए निकले, लेकिन लखनऊ जनेश्वर मिश्र पार्क के पास एक तेज रफ्तार कार इस मासूम की काल बन गई। मां की आंखों के सामने ही उसके बेटे को रौंद डाला गया।

लखनऊ की एएसपी का 8 साल के बेटे को कार ने रौंदा

ये एक्सयूवी 700 कार थी। दो लड़के देवश्री वर्मा और सार्थक सिंह इस कार को चला रहे थे और ये दोनों एक दूसरी कार से रेसिंग कर रहे थे। कार की स्पीड इतनी ज्यादा था कि बच्चे को सामने देखते हुए भी ये नहीं रोक पाए। खबर सामने आई है कि सार्थक सिंह समाजवादी पार्टी के नेता का बेटा है, जबकि दूसरा लड़का देवश्री वर्मा कानपुर के एक बड़े परिवार से ताल्लुक रखता है। ये कार कानपुर के जूलर अंशुल वर्मा की थी जो देवश्री के चाचा हैं। ये लोग 150 की स्पीड से सुबह-सुबह इस कार को चला रहे थे।

लखनऊ में तेज स्पीड कार ने छीन ली मासूम की जिंदगी

जाहिर सी बात है कार स्पीड जितनी बढ़ेगी हादसे की संभा वनाएंउतनी ही बढ़ जाएंगी और साथ ही बढ़ जाएंगी आशंकाएं किसी की मौत की। येएडीशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव का इकलौता बेटा था। निमिष की मौत ने मां को तोड़ कर रख दिया है। पूरा परिवार सदमे में है। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन उससे क्या। क्या गिरफ्तारी से मासूम की जिंदगी वापस आ पाएगी। क्या एक मां को उसका बेटा वापस मिल पाएगा।

देश में तेज स्पीड से होते हैं सबसे ज्यादा हादसे

निमिष की मौत से पूरे शहर में सनसनी फैल गई है, लेकिन तेज स्पीड से मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है। आए दिन खबरें आती हैं कि तेज स्पीड कार ने लोगों को कुचल डाला, रौंद डाला। हमारे देश में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट रोड एक्सीडेंट की वजह से ही होते हैं। आप न्यूज पेपर उठा लीजिए, टीवी खोल लीजिए आए दिन आपको खबरें मिल जाएंगी कि तेज वाहन ने किसी की जान ले ली है, लेकिन फिर लोग नहीं संभलते।

तेज गति वाहनों से होने वाले एक्सीडेंट के डाटा चौंकाने वाले

साल 2021 के एक एक डाटा के मुताबिक इस साल सबसे अधिक सड़क हादसे तेज गति से वाहन चलाने की वजह से हुए। कुल 4,03,116 रोड एक्सीडेंट्स में से 59.7 प्रतिशत हादसे तेज स्पीड वाहन ने किए। ये सख्या 2,40,828 जिसमें से 87,050 लोगों ने जान गवां दी जबकि बाकी लोग घायल हुए। सोचिए ये कितना बड़ा डाटा है। कभी किसी के बेटे की मौत होती है, कभी किसी का भाई मरता है, कभी किसी की मां या बहन या पत्नी, लेकिन लोगों को तेज गाड़ी चलाने का नशा है। ये किसी कत्ल से कम नहीं है।

नियमों को ताक पर रखते हैं ऐसे लोग

ओवर स्पीडिंग को लेकर कई नियम भी बने हैं। जगह-जगह पर स्पीड लिमिट को लेकर बोर्ड लगे रहते हैं, लेकिन लोग इन्हें मानना नहीं चाहते। जुर्माने का भी प्रावधान है, लेकिन लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।धारा 184 के तहत अगर कोई खतरनाक ड्राइविंग करता है, तो दोषी को दो साल की जेल और 2000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। ये नियम काफी हल्के नजर आते हैं, ऐसे लोगों के नशे के सामने। किसी की जान जाए तो जाए, लेकिन तेज स्पीड से गाड़ी चलाने वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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