हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
देहरादूनः उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर जल्द ही सूरज की रोशनी देख सकेंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने मंगलवार को दावा किया कि ढाई दिनों के अंदर मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला जा सकता है। इसके लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सरकार 5 अलग-अलग विकल्पों पर काम कर रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो अगले घंटों के अंदर सभी मजदूर टनल से बाहर होंगे। बता दें कि दिवाली के दिन मलबा गिरने से 41 मजदूर सुरंग में फंस गए थे। तबसे उन्हें वहां से निकालने की कवायद की जा रही है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। रेस्क्यू ऑपरेशन में कई तरह की बाधाएं भी आईं। बाद में सरकार ने अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अल्बर्टो ड्रिक्स को मदद के लिए बुलाया है।
दरअसल, सिलक्यारा 11 सुरंग में फंसे श्रमिकों को अब 800 मिलीमीटर के पाइप से बाहर निकाला जाएगा। मंगलवार रात 12:00 बजे तक 800 मिलीमीटर का 22 मीटर पुशअप करके 900 एमएम पाइप के अंदर पूरा पहुंचा दिया गया था। वहीं, लगातार यह अभियान जारी है। ताजा अपडेट के अनुसार, करीब 40 मीटर तक पाइप को पुश करने में सहायता मिल चुकी है। करीब 21 मीटर ड्रिलिंग का कार्य किया जाना है। पाइपलाइन डालने के बाद इसकी सफाई का कार्य किया जाएगा। इसके बाद फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का कार्य शुरू होगा। पाइपलाइन से श्रमिकों के बाहर निकालने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इसके लिए सभी प्रकार की सुविधाओं से लैस 41 एंबुलेंस को सिलक्यारा टनल के पास खड़ा किया गया है।
केंद्र सरकार के अपर सचिव मोहम्मद अहमद ने मंगलवार को बताया था कि मलवे में ऑगर मशीन के जरिए शुक्रवार सुबह तक 900 मिलीमीटर का 22 मीटर पाइप डाल दिया गया था। इसके बाद बाधा आने पर काम रोकना पड़ा। हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम का दावा है कि बुधवार का दिन काफी अहम रहने वाला है। अपर सचिव ने कहा कि पांच दिन विशेषज्ञों के परीक्षण के बाद मंगलवार को 800 मिलीमीटर का पाइप डालने की शुरुआत हुई। पाइप को बेल्ड कर जोड़ने में समय लग रहा है। उन्होंने बताया कि 900 मिलीमीटर का पाइप डालने से ज्यादा कंपन पैदा हो रहा था। ऐसे में पाइप का दायरा घटाया गया है। मंगलवार देर रात 12:00 बजे तक 800 मिलीमीटर का पाइप 22 मीटर तक डाल दिया गया था। अब इसके आगे ड्रिलिंग कभी भी शुरू की जा सकती है। अगर आगे मलवे में मशीन या चट्टान नहीं मिलती तो बुधवार दोपहर तक पाइप बिछाने में काफी हद तक सफलता मिल सकती है।
टनल हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में आगे 45 मीटर तक की दूरी सबसे अहम रहने की बात कही जा रही थी।। इसी बीच सबसे अधिक दिक्कत आने की उम्मीद की जा रही थी। हालांकि, रेस्क्यू मिशन टीम अब तक मिले परिणामों से उत्साहित है। बुधवार को इस मामले में सकारात्मक परिणाम की उम्मीद की जा रही है। इस मामले में एनएचआईडीसीएल के एमडी एम. अहमद ने उम्मीद जताई कि 30 से 40 घंटे के भीतर खुशखबरी मिल सकती है। बचाव कार्यों में बुधवार का दिन बेहद अहम है। सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए गुजरात से एक और ओडिशा से दो मशीन सिलक्यारा लाई जा रही है। हालांकि, अब 15 घंटे में खुशखबरी मिलने की उम्मीद की जा रही है।
रात भर चली भारी मशीनें, 32 मीटर तक डाला गया पाइप
उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए मंगलवार की रात भर खुदाई का काम चलता रहा। अमेरिकी ऑगर मशीन की मदद से 800 मिलीमीटर की पाइप को 32 मीटर तक डालने में सफलता मिली है। मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश लगातार की जा रही है। वहीं, सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के तुरंत बाद अस्पताल में भर्ती कराने की तैयारी की गई है। 11 दिनों से सुरंग में फंसे मजदूरों के स्वास्थ्य की पूरी जांच कराई जाएगी। इसके लिए सिलक्यारा सुरंग के पास 41 एंबुलेंस को बुलाया गया है। ये एंबुलेंस सभी सुविधाओं से लैस हैं।
मौके पर पहुंची 41 एम्बुलेंस के साथ डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद हैं। वहीं, बड़कोट की तरफ से भी ड्रिलिंग का काम शुरू करा दिया गया है। बुधवार की सुबह 6 इंच पाइप से सुरंग में फंसे मजदूरों को नाश्ता भेजा गया। रेस्क्यू कर रही टीम ने मजदूरों से बात की और उनका हाल जाना। इस बीच वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए एक और बोरिंग मशीन सिलक्यारा पहुंची है। मशीन से मजदूरों के लिए लाइफ सेविंग पाइप डाले जाएंगे।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."