ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
आगरा: दिल्ली/एनसीआर के साथ-साथ आगरा में स्मॉग का असर देखा जा रहा है। यही वजह है कि ताजमहल (tajmahal smog) का दीदार करने आए पर्यटकों को वह दिखाई नहीं दे रहा है। एंट्री गेट से ताजमहल दिखाई नहीं दे रहा है। डायना सीट पर बैठकर फोटो खिंचाने वाले पर्यटकों के फोटो से ताजमहल अदृश्य हो गया है। इससे पर्यटकों में परेशानी बढ़ रही है। सोमवार सुबह करीब 10 बजे तक ताजमहल पर विजिबिलिटी जीरो रही थी।
बीते दो दिनों से आगरा में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर गिर रहा है। सुबह 10 बजे के बाद कुछ धुंध छंटती हुई नजर आती है, लेकिन शाम ढलते ही विजिबिलिटी फिर जीरो हो जाती है। रविवार शाम करीब 4.45 बजे ही धुंध का असर दिखाई देने लगा। रविवार को ताजमहल देखने आए पर्यटकों को ताज का दीदार नहीं हो पा रहा था। ताज को देखने के लिए मुख्य गुंबद तक जाना पड़ रहा था। लोगों को डायना सीट पर फोटो खिंचाने में भी ताज नजर नहीं आ रहा था। इसलिए पयर्टकों को खासी परेशानियां हो गई।
मेहताब बाग से गायब हुआ ताज
मेहताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट से ताजमहल का दीदार करने आए पर्यटकों को निराशा हुई। दोनों स्पॉट से ताजमहल दिखाई नहीं दिया। दूर तक केवल धुंध ही धुंध नजर आ रही थी। ताजमहल धुंध की चादर में खो गया था। सुबह आगरा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 180 था लेकिन शाम रविवार शाम को बढकऱ 200 हो गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार आगरा के 5 सेंटरों पर मनोहरपुर की वायु गुणवत्ता 236 दर्ज की गई। वहीं, आवास विकास में 223, शाहगंज में 180, शास्त्रीपुरम में 173 और रोहता में 187 रिकॉर्ड किया गया।
खराब वायु गुणवत्ता के चलते सांस रोगियों के लिए मुश्किलें बढ़ रही है। अस्थमा, गंभीर सांस रोगियों को सुबह और शाम घर से निकलने पर चिकित्सकों ने रोक लगाई है। सोमवार सुबह नेशनल हाईवे पर भी धुंध का असर देखने को मिला है। सुबह 7.15 पर राहगीरों को 50 मीटर की दूरी पर वाहन भी नजर नहीं आ रहे थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."