रघु यादव मस्तूरी की रिपोर्ट
रायपुर: सामरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से विधायक रहे चिंतामणि महाराज ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से वह नाराज चल रहे थे। आपको बता दें कि अंबिकापुर के राजमोहनी भवन में आयोजित परिवर्तन महासंकल्प रैली में छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी ओम माथुर, संगठन मंत्री पवन साय सहित भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस परिवर्तन महासंकल्प रैली में कांग्रेस पार्टी से नाराज चिंतामणि महाराज ने संतगहिरा गुरु के अनुयायियों की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम कर घरवापसी की है। इधर छत्तीसगढ़ भाजपा प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस को 75 साल बाद कौन याद आया जनेव याद आई, मंदिर याद आई, काशी-विश्वनाथ याद आए, तिरूपति बालाजी याद आए…इससे अच्छी सनातनी धर्म के लिए और क्या बात हो सकती हैं।
कांग्रेस का नारा 75 पार को लेकर कहा कि 100 पार कर ले और कांग्रेस की तो 100 पार भी हो गई हैं। वही सामरी से कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज ने कहा कि मैंने घर वापसी की है। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने टिकट नही दिया तो मैं अपने आप को पार्टी से निष्कासित मान लिया था। जहां पार्टी में स्थान नही तो वहां रहने का भी कोई औचित्य नहीं बनता है।
गौरतलब है कि 2013 चिंतामणि महाराज भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें लुंड्रा विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था। वही कांग्रेस ने फिर से भरोसा जताते हुए जगह बदलकर 2018 में सामरी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था।
कांग्रेस से वह दो बार विधायक रहे। 2023 विधानसभा चुनाव में चिंतामणि को टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए एक बार फिर भाजपा का दामन थाम लिया है।
Author: samachar
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