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November 2, 2024 1:03 am

महाकालेश्वर महादेव के प्रतीक नीलकंठ का दर्शन करने उमड़ा बड़ा हुजूम

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट 

भाटपाररानी, सनातन धर्म के अनुसार त्रेतायुग में आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम प्रभु ने लंकापति दशानन का वध किया। भगवान श्री राम जब रावण का वध करने जा रहे थे तो उस दौरान उन्हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे। तभी से इस पर्व को विजयदशमी पर्व के रूप में मानते हैं। यह पर्व विजय का प्रतीक है।विजयदशमी के पावन महोत्सव पर कस्बे के सुहावल कोठी में त्रंबकेश्वर महाकालेश्वर महादेव के प्रतीक नीलकंठ का दर्शन करने पूरा जवाहर उमर पाड़ा।

समारोह के आयोजक वरिष्ठ भाजपा नेता कामेश्वर सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अनार्य संस्कृति पर आर्य संस्कृति ,बुराई पर अच्छाई , अशुभ पर शुभ एवं अधर्म पर धर्म की जीत का संदेश विजयदशमी देता है।

नीलकंठ पक्षी को शिव का प्रतिनिधि माना जाता है, विजयदशमी पर्व पर इसके दर्शन होने से धन और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।

समारोह के बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक सभा कुंवर कुशवाहा ने कहा कि दशहरा के दिन किसी भी समय नीलकंठ पक्षी दिख जाए तो घर में खुशहाली आती है। जो काम करने हैं उसमें सफलता मिलती है। आज कल इस पक्षी का दर्शन दुर्लभ हैं।

भगवान शिव को नीलकंठ कहा है। विजयदशमी पर नीलकंठ पक्षी के दर्शनों की परंपरा त्रेता युग से जुड़ी हुई है। लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद जब भगवान राम को जो दोष लगा था, उस दोष से मुक्ति के लिए भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। उस समय भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में धरती पर पधारे थे।

वरिष्ठ भाजपा नेता व मदन मोहन मालवीय संस्थान के प्रबंधक राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह ने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार भगवान शिव ही नीलकंठ हैं, इसी कारण से इस पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना जाता है।दशहरे पर भगवान शिव नीलकंठ पक्षी का रूप धारण कर विचरण करते हैं।

महोत्सव प्रारंभ होने से पूर्व आचार्य धीरेंद्र पांडेय व राहुल पांडेय द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान शंभू के प्रतीक नीलकंठ का पूजन अर्चन किया गया।

महोत्सव में डॉ रामेश्वर सिंह, दिनेश प्रताप सिंह, बसंत सिंह बघेल ,लालबाबू राय, अशोक सिंह, गया सिंह, अविनाश यादव, साहब यादव, सर्वोदय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मुस्ताक अहमद, क्षेत्रीय मंत्री डॉ शम्स परवेज, शंकर दयाल सिंह, शालू सिंह, मिंटू शाही ,रितु बिसेन, सुधाकर पांडेय, प्रवीण शाही, शिव प्रसाद,प्रवीण शाही,शिव प्रताप सिंह,धीरज सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."