टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
एक घर में एक के बाद एक मौते होने लगी। ये वो घर था जिस घर में 5 महीने पहले शहनाई बजी थी, लेकिन सिर्फ पांच महीने के बाद यहां से लाशें उठने लगी। सोचिए जब किसी घर में किसी बहू के आने के बाद ऐसे घर की लोगों की मौत होने लगे तो आमतौर पर बहू को ही अपशकुनी करार दे दिया जाता है। पांच महीने में वो विधवा हो चुकी थी, लेकिन यहां इस बहू को अपशकुनी नहीं कातिल करार दिया गया और ये कातिल करार दिया खुद पुलिस ने।
20 दिन में 5 कत्ल और कातिल निकली बहू
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की ये घटना सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। जिस घर से पांच लाशें उठी उस घर की बहू ही कातिल थी, लेकिन वो कत्ल करती थी बड़ी से सफाई से। वो परिवार के सदस्यों को मारती रही, लेकिन किसी को खुद पर शक भी नहीं होने दिया। संघमित्रा नाम है इस कातिल बहू का। पहले सास ससुर को मारा, फिर पति और ननद को और फिर एक रिश्तेदार को।
पहले सास-ससुर को मौत के घाट उतारा
इस खतरनाक एपिसोड की शुरुआत हुई संघमित्रा के ससुर शंकर कुंभारे की तबियत बिगड़ने से। ससुर की तबीयत बिगड़ी फिर सास की भी। दोनों के शरीर में काफी दर्द होने लगा था, होंठ काले पड़ गए थे, शरीर में काफी कमजोरी आ गई थी। दोनों की हालत तकरीबन एक जैसी ही थी। सास-ससुर का इलाज शुरू हुआ, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। दो मौत हो चुकी थी, लेकिन अभी सिलसिला जारी था।
पति और ननद को भी मौत की नींद सुलाया
इसी बीच संघमित्रा की ननद कोमल की हालत भी तकरीबन वैसी ही हो गई जैसे उनके माता-पिता की थी। कोमल की तबीयत भी बिगड़ने लगी। लोगों को लगा माता-पिता की मौत का सदमा नहीं बर्दाश्त कर पाई। अस्पताल जाकर कोमल की भी मौत हो गई। अब तक सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन इसी तरह संघमित्रा का पति रोशन भी बीमार पड़ने लगा, उसे भी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी भी मौत हो गई। अब केस पुलिस तक पहुंचा, जांच भी शुरू हुई, लेकिन इस बीच परिवार की एक और सदस्य संघमित्रा की मौसी सास की भी मौत हो गई।
गंधहीन जहर ने आशियाने को बनाया शमशान
जांच शुरू हुई तो पता चला कि जितने भी लोगों की मौत हुई थी वो सभी जहर की वजह से हुई थीं। सबके शरीर में एक तरह का जहर था और इसका नाम था आर्सेनिक। आर्सेनिक वो जहर होता है जिसमें न तो कोई गंध होती है और न ही उसका कोई रंग होता है। ये साफ था कि परिवार के लोगों को आर्सेनिक जिसका थैलेसिमिया भी है वो दिया गया है। अब बात थी जहर तो दिया गया है, लेकिन दिया किसने है। कौन था इस परिवार का दुश्मन। सबसे बड़ा सवाल ये जहर आया कहां से। दरअसल आर्सेनिक जहर आसानी से नहीं मिल पाता।
बहू ने क्यों लिया परिवार से खूनी बदला?
जांच शुरू हुई तो तो हैरान करने वाली बात सामने आई। ये कत्ल किए थे परिवार की नई-नवेली बहू संघमित्रा ने। संघमित्रा ने इसी परिवार की एक और महिला के साथ मिलकर काफी दिनों से खाने और पानी में आर्सेनिक मिला रही थी। किसी को शक होने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी क्योंकि इस जहर से न तो खाने का स्वाद बदलता है न तो रंग। संघमित्रा ने ये जहर अपनी एक सहेली से मंगवाया था।
5 महीने पहले रची थी खूनी खेल की साजिश
संघमित्रा खुद भी कृषि वैज्ञानिक है और उसे पता था कि ये जहर कैसे काम करता है, लेकिन आप सोच रहे होंगे कि आखिर एक बहू को ऐसा क्या हो गया कि वो अपने ही परिवार की दुश्मन बन गई। हम आपको बता दें संघमित्रा ने इस खूनी खेल की प्लानिंग 5 महीने पहले ही कर ली थी। संघमित्रा और उसके पति के बीच के बीच शादी के बाद से संबंध ज्यादा अच्छे नहीं थे। ये बात संघमित्रा के पिता को पता चली थी तो उन्होंने सदमे में सुसाइड कर लिया था। बस संघमित्रा ने पिता की मौत के बाद अपने ससुराल वालों से बदला लेने का मन बना लिया था और इसी का नतीजा था 5 कत्ल।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."