आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देकर विशेष योजना तैयार की है। औद्योगिक विकास का असर यह हो रहा है कि बड़े स्तर पर औद्योगिक समूहों को विकास से जोड़ा जा रहा है। उन्हें ऐसा माहौल दिया जा रहा है, जिससे वे अपने कारोबार को बढ़ावा दे पाएं। ट्रांसपोर्टेशन से लेकर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। इसका असर अब लोगों के जीवन पर भी दिख रहा है। कारोबारी माहौल बनने और औद्योगिक समूहों के प्रदेश में आने से रोजगार के अवसर में भी वृद्धि हो रही है। हुरुन इंटरनेशनल की ताजा सूची में यूपी के 34 अरबपतियों के नाम दर्ज हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय मैग्जीन में आए इन नामों ने प्रदेश की बदलती तस्वीर को पेश किया है। एक साल में यूपी में 13 अरबपतियों की संख्या में वृद्धि को भी बड़ा असर माना जा रहा है।
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट में इस बार उत्तर प्रदेश में लंबी छलांग लगाई है। देश के टॉप अरबपतियों की सूची में यूपी के 34 उद्योगपतियों ने अपनी जगह बनाई है। घड़ी साबुन वाले मुरलीधर ज्ञानचंदानी और उनके भाई विमल ज्ञानचंदानी यूपी के अरबपतियों की सूची में नंबर एक और नंबर दो के पायदान पर लगातार बने हुए हैं। दोनों भाइयों की संपत्ति 23000 करोड़ रुपये से ज्यादा की हो गई है।
नोएडा सबसे पसंदीदा शहर
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और माहौल को विकसित करने में यूपी में लगातार सुधार हुआ है। इस वजह से प्रदेश में कई शहर औद्योगिक समूहों की पसंद बनकर उभरे हैं। हालांकि, इन सबमें नोएडा का स्थान सबसे ऊपर दिख रहा है। औद्योगिक इकाइयों को खोलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के पास के शहर नोएडा को लोग पहली वरीयता दे रहे हैं।
लगातार बदल रहा है माहौल
यूपी में लगातार माहौल को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। यूपी चुनाव 2022 को योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुलडोजर मॉडल के आधार पर जीता। प्रदेश में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के कारण कारोबारियों की देश के सबसे बड़े राज्य और सबसे बड़े बाजार पर नजर गड़ने लगी है। पिछले करीब एक साल के भीतर माहौल में होता दिखा है। इंटरनेशनल हुरुन मैग्जीन की रिपोर्ट इसकी तस्दीक करती है। पिछले एक साल में प्रदेश में 13 नए अरबपति बन गए हैं।
अरबपतियों की संख्या की बात अगर वर्ष 2022 के नजरिए से करें तो तब इनकी संख्या 21 थी। वर्ष 2023 में इनकी संख्या बढ़कर 34 हो गई है। अरबपतियों की कुल संपत्ति भी 67,000 करोड़ से उछलकर 87,000 करोड़ रुपये हो गई है। पहली बार अलीगढ़, गोरखपुर, दादरी और फैजाबाद जैसे छोटे शहरों ने भी अरबपतियों की सूची में जगह बनाई है।
यूपी के टॉप 10 अरबपतियों की सूची
नाम | कंपनी का नाम | नेटवर्थ (करोड़ में) | यूपी में नंबर | देश में नंबर |
मुरलीधर ज्ञानचंदानी | घड़ी समूह | 14,000 | 1 | 145 |
विमल ज्ञानचंदानी | घड़ी समूह | 9400 | 2 | 219 |
दिनेश चंद्र अग्रवाल | इंडियामार्ट | 5700 | 3 | 348 |
सचिन अग्रवाल | पीटीसी इंडस्ट्रीज | 4300 | 4 | 468 |
अनिल कुमार सिंह | एपको इंफ्राटेक | 4200 | 5 | 478 |
लक्ष्मण दास | अमृत बॉटलर्स | 4104 | 6 | 482 |
बृजेश अग्रवाल | इंडियामार्ट | 3900 | 7 | 493 |
अलख पांडेय | फिजिक्सवाला | 3700 | 8 | 506 |
हितेश ओबेराय | इंफ्राएज इंडिया | 3000 | 9 | 587 |
आनंद स्वरूप अग्रवाल | इंडिया पेस्टीसाइड | 2000 | 10 | 802 |
राघव चंद्रा | अर्बन कंपनी | 2000 | 10 | 802 |
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."