आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक लखनऊ में चल रही है। सूफी संवाद महाभियान के जरिए पार्टी अल्पसंख्यक समाज के बीच अपनी मौजूदगी बनाने की कोशिश में है। पार्टी लोकसभा चुनाव में मिशन 80 के साथ उतरने की तैयारी में है। ऐसे में अल्पसंख्यक वोट बैंक के बीच पैठ बनाना जरूरी हो गया है। इसको देखते हुए भाजपा की ओर से बैठकों का दौर शुरू किया गया है। लखनऊ में चल रही बैठक के दौरान एक नारा लगा। यह नारा इस समय चर्चा में बना हुआ है। इस बैठक में नारा लगा, ‘न दूरी है, न खाई है, मोदी हमारा भाई है’। दरअसल, भाजपा की हिंदुत्ववादी राजनीति के जरिए अल्पसंख्यक समाज को लगातार पार्टी से डराकर रखने का प्रयास किया गया। लेकिन, केंद्र में 9 साल से अधिक और यूपी में 6 साल से अधिक समय से सत्ता में होने के बाद भी अल्पसंख्यक हितों की रक्षा के लिए लगातार कार्य हुए। किसी प्रकार का जुल्म समाज पर नहीं होने दिया गया। विकास योजनाओं में समाज को बराबर का साझीदार बनाया गया। कुछ यही समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."