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19 January 2025 4:41 am

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न दूरी है, न खाई है, मोदी हमारा भाई है…सूफी संवाद महाभियान ; लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की इस रणनीति को जानिए

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक लखनऊ में चल रही है। सूफी संवाद महाभियान के जरिए पार्टी अल्पसंख्यक समाज के बीच अपनी मौजूदगी बनाने की कोशिश में है। पार्टी लोकसभा चुनाव में मिशन 80 के साथ उतरने की तैयारी में है। ऐसे में अल्पसंख्यक वोट बैंक के बीच पैठ बनाना जरूरी हो गया है। इसको देखते हुए भाजपा की ओर से बैठकों का दौर शुरू किया गया है। लखनऊ में चल रही बैठक के दौरान एक नारा लगा। यह नारा इस समय चर्चा में बना हुआ है। इस बैठक में नारा लगा, ‘न दूरी है, न खाई है, मोदी हमारा भाई है’। दरअसल, भाजपा की हिंदुत्ववादी राजनीति के जरिए अल्पसंख्यक समाज को लगातार पार्टी से डराकर रखने का प्रयास किया गया। लेकिन, केंद्र में 9 साल से अधिक और यूपी में 6 साल से अधिक समय से सत्ता में होने के बाद भी अल्पसंख्यक हितों की रक्षा के लिए लगातार कार्य हुए। किसी प्रकार का जुल्म समाज पर नहीं होने दिया गया। विकास योजनाओं में समाज को बराबर का साझीदार बनाया गया। कुछ यही समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

दरअसल, अल्पसंख्यक वोट बैंक पर राजनीति पिछले दिनों खूब हुई है। मुस्लिम वोट बैंक को अपने पाले में लाने के लिए तमाम राजनीतिक दल प्रयास करते दिख रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस ग्रामीण स्तर तक मुस्लिम वोट बैंक को साधने की योजना पर काम कर रही हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी मुस्लिम वोट बैंक पर अपना अधिकार मानकर चल रही है। समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम- यादव समीकरण को साधकर ही सत्ता तक पहुंचने में कामयाब हुई। कुछ इसी प्रकार की स्थिति बहुजन समाज पार्टी की भी रही है। दलित- अल्पसंख्यक वोट बैंक के जरिए ही सत्ता हासिल करने में सफलता मिली। कांग्रेस की अपनी अलग दावेदारी रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने अब कहना शुरू कर दिया है कि मुस्लिम वोट को बैंक मानकर तमाम राजनीतिक दलों ने उसका उपयोग किया है। मुसलमान की आर्थिक स्थिति को सुधरी करने की योजना पर अब तक कोई प्रयास नहीं किया गया।
भाजपा नेताओं का कहना है कि मोदी-योगी सरकार ने मुसलमान की स्थिति में सुधार की योजना पर काम किया। सबका साथ, सबका विकास के नारे को जमीन पर उतरने में पार्टी कामयाब हुई। विकास योजना में किसी प्रकार की कमी नहीं की गई। किसी भी सभी वर्ग को एक समान माना गया। इस कारण हाल के समय में अल्पसंख्यक समाज की स्थिति में सुधार हुआ है। कई बड़े परिवर्तन किए गए हैं। तीन तलाक जैसी कुरीति को देश से खत्म किया गया है। इन मसलों को उठाकर पार्टी इसके जरिए मुस्लिम महिलाओं के बीच अपने पैठ बढ़ाने की कोशिश करती दिख रही है। वहीं, पार्टी की ओर से अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने के कोशिश भी हो रही है। लगातार सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है।
योगी सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी के जरिए पसमांदा वोट बैंक को अपने पाले में लाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं। पसमांदा पॉलिटिक्स को साधकर भाजपा चुनावी मैदान में बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश कर रही है। लखनऊ में हो रहे भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के बैठक में भी इस संदेश को इस वर्ग के बीच किए गए कार्यों को पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। मुस्लिम समुदाय के बीच पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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