इरफान अली लारी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदश के देवरिया जिले के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में हुए हत्याकांड की कहानी पहली बार पुलिस के सामने आई है। प्रेमचंद की हत्या के बाद किस तरह सत्यप्रकाश दुबे के परिवार का सफाया हुआ, यह प्रेम के ड्राइवर अमरनाथ मिश्र उर्फ पट्टू बाबा ने बताया। रविवार को पुलिस की गिरफ्त में आए अमरनाथ ने बताया कि किस तरह भीड़ सत्य प्रकाश दुबे के घर वहशी बन गई थी। पुलिस के मुताबिक अभी तक गिरफ्तार 20 लोगों में किसी ने हत्याकांड के बारे में इतनी विस्तृत जानकारी नहीं दी है। एसपी संकल्प शर्मा ने रविवार को बताया कि प्रेमचंद यादव का पड़ोसी अमरनाथ मिश्र उर्फ पट्टू बाबा उसका खासमखास था। प्रेम का वाहन भी वही चलाता था। इस हत्याकांड में वह भी आरोपित था। रविवार को भभौली चौराहा के पास पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बकौल अमरनाथ 2 अक्टूबर को वह अपने घर था।
एसपी ने अमरनाथ के हवाले से कहा कि सुबह 7 बजे उसे सूचना मिली कि प्रेमचंद की हत्या कर दी गई है। लाश सत्य प्रकाश दुबे के घर पर पड़ी है। बाहर निकला तो सैकड़ों लोग प्रेमचंद के दरवाजे पर जुट चुके थे। सब गालियां देते हुए सत्य प्रकाश के घर की ओर दौड़ पड़े। प्रेमचंद के रिश्तेदार गोलू और संदीप ने प्रेमचंद की राइफल ले रखी थी। सत्यप्रकाश दुबे के घर बाहर प्रेम की लाश देखने के बाद सबकी आंखों में खून सवार हो गया। सत्य प्रकाश के घर में घुसकर ईंट-पत्थर, लाठी डंडों से सबकी पिटाई शुरू कर दी। सत्य प्रकाश की पत्नी किरन और छोटी बेटी नंदिनी की मौत हो गई। सत्यप्रकाश, बड़ी बेटी सलोनी और बेटे गांधी की सांसें चल रहीं थीं। वे चीख रहे थे। अनमोल बेसुध हो चुका था।
एसपी ने अमरनाथ के हवाले से कहा कि सुबह 7 बजे उसे सूचना मिली कि प्रेमचंद की हत्या कर दी गई है। लाश सत्य प्रकाश दुबे के घर पर पड़ी है। बाहर निकला तो सैकड़ों लोग प्रेमचंद के दरवाजे पर जुट चुके थे। सब गालियां देते हुए सत्य प्रकाश के घर की ओर दौड़ पड़े। प्रेमचंद के रिश्तेदार गोलू और संदीप ने प्रेमचंद की राइफल ले रखी थी। सत्यप्रकाश दुबे के घर बाहर प्रेम की लाश देखने के बाद सबकी आंखों में खून सवार हो गया। सत्य प्रकाश के घर में घुसकर ईंट-पत्थर, लाठी डंडों से सबकी पिटाई शुरू कर दी। सत्य प्रकाश की पत्नी किरन और छोटी बेटी नंदिनी की मौत हो गई। सत्यप्रकाश, बड़ी बेटी सलोनी और बेटे गांधी की सांसें चल रहीं थीं। वे चीख रहे थे। अनमोल बेसुध हो चुका था।
तीनों की सांसें चलता देख अमरनाथ पर भी खून सवार हो गया। उसने संदीप और गोलू के हाथ से राइफल ले ली। सत्य प्रकाश के सीने में गोली मार दी। फिर सलोनी और गांधी को भी गोली मार दी। सब ढेर हो गए, तब सबका वहशीपन थमा। अनमोल को भी मरा जानकर सब वहां से निकले। इसके बाद सभी गांव से फरार हो गए। दरअसल, फतेहपुर गांव में पिछले सोमवार यानी 2 अक्टूबर को पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या के बाद भीड़ ने सत्यप्रकाश दुबे और परिवार के चार अन्य सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। घटना के बाद सरकार ने एसडीएम- सीओ समेत 15 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था।
प्रेमचंद यादव को फोन कर बुलाने के बाद हत्या करने की थ्योरी पुलिस ने खारिज कर दी है। एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि यह बात सामने आई थी कि प्रेमचंद को एक फोन कॉल आई थी और बुलाकर उसकी हत्या की गई। उनकी पत्नी यह बात कह रही थी। जांच में यह पुष्ट नहीं हो सका है कि प्रेम को कोई कॉल आई थी। दूसरी ओर, प्रेम के मकान पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर निर्णय के लिए सोमवार को एक बार फिर तहसीलदार मौका मुआयना करेंगे।
पुलिस ने सत्य प्रकाश दुबे के भाई साधु दुबे से संपर्क साध लिया है। इस हत्याकांड की वजह उसकी 9 बीघा जमीन ही बनी है। इसलिए, पुलिस उसका बयान लेना चाहती है। साधु दुबे अविवाहित है और गुजरात की एक फैक्ट्री में काम कर रहा है। प्रेम को जमीन की रजिस्ट्री कर वह गुजरात चला गया था। पहले यह भी आशंका जताई गई थी कि जमीन लिखवाने के बाद प्रेमचंद ने साधु के साथ कोई अनहोनी कर दी है। पुलिस साधु दुबे के संपर्क में है और उसे बुलाने की कोशिश में जुटी है। साधु दुबे के बयान के बाद पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी कि प्रेमचंद ने जबरदस्ती जमीन रजिस्ट्री कराई थी या उसने अपनी मर्जी से जमीन लिखी है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."