दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
तीन वर्ष पहले शुरू हुआ प्रेम प्रसंग
पवन फौज में नौकरी करते हैं। छुट्टी आने पर वह पड़ोस के गांव में रहने वाले दोस्त से मिलने उसके घर जाया करते थे, तभी पवन की दोस्त के गांव में रहने वाली युवती प्रियंका से दोस्ती हो गई। दोनों ने मोबाइल नंबर शेयर किए। रोज बातें होने लगीं। धीरे-धीरे ये दोस्ती प्यार में बदल गई। प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने शादी करने का फैसला किया। दोनों ये बात घर में बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। आठ महीने पहले दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। इसके बाद पवन ड्यूटी पर चला गया।
बर्दाश्त नहीं हुईं दूरियां तो छुट्टी लेकर आया
कोर्ट मैरिज के कई माह बीत गए, तब पवन और प्रियंका को दूरियां बर्दाश्त नहीं हुईं। इस पर दोनों ने साथ रहने और शादी की बात परिवार में बताने का फैसला लिया। पवन इसके लिए छुट्टी लेकर घर आया। उसने सबसे पहले अपने परिजनों से शादी के बाबत बात की। फौजी की ये बात सुन उसके परिवार वाले बिफर गए। उसकी मर्जी से शादी करने का विरोध किया। इस पर फौजी अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा। वहां उसके माता-पिता से शादी का प्रस्ताव रखा। वह भी तैयार नहीं हुए। उन लोगों ने भी साफ मना कर दिया।
थाने में भरी मांग
पवन अपनी प्रेमिका प्रियंका को लेकर थाने पहुंचे। वहां पर कोर्ट मैरिज के साक्ष्य प्रस्तुत किए। मंगलपुर इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह ने दोनों पक्षों की बात सुनकर उनके परिजनों से बात की। वह शादी के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। पुलिस ने उन्हें समझाया। इसके बाद प्रेमी और प्रेमिका ने भी अपने परिजनों से बात कर उन्हें मना लिया। फिर थाने में ही शिव मंदिर में पुलिस की मौजूदगी में दोनों ने एक-दूसरे को माला डालकर सात जन्मों तक साथ निभाने देने का वादा किया। वहीं, फौजी प्रेमी ने मांग में सिंदूर भरकर शादी का वचन निभाया। वरमाला पड़ते ही दोनों पक्ष के परिजनों ने एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर मुंह मीठा कराया।
Author: samachar
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