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November 1, 2024 8:56 pm

लोक कल्याण की आड़ में जमीनों पर कब्जे ; ये संत हैं या जमीन कब्जेदार?

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ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट 

यूपी की ताजनगरी आगरा में दयालबाग स्थित राधा स्वामी सत्संग सभा पर किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा करने का आरोप है। इसी मामले में शनिवार को पुलिस और प्रशासन की टीम वहां कब्जा हटाने पहुंची। इस दौरान टीम ने 10 हेक्टेयर जमीन में लगे सत्संग सभा के 6 गेटों को तोड़ दिया और तारबंदी को नष्ट कर दिया।

यह कार्रवाई सत्संगियों को नागवार गुजरी और उन्होंने प्रशासनिक टीम के जाते ही फिर से गेटों को खड़ा कर तारबंदी कर दी। इसकी सूचना पर रविवार को पहुंची टीम ने फिर से गेट और तारबंदी गिराने पहुंची तो सत्संगियों ने उनपर हमला कर दिया। इस दौरान करीब 5 घंटे तक दोनों ओर से जमकर बवाल हुआ। बाद में प्रशासन की टीम को पीछे हटना पड़ा। इस घटनाक्रम ने लोक कल्याण की भावना बताकर जमीनों पर कब्जा करने वाले कई बाबाओं के खूनी खेल की यादें ताजा कर दी। आइये आपको भी इससे रू-बरू कराते हैं।

डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट: बाबा राम रहीम

दो साधवियों के साथ रेप के आरोप में 20 साल की सजा और पत्रकार की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के ट्रस्ट का विवादों से गहरा नाता रहा है। एक भूमि के सीमाकांन में बाबा के समर्थकों ने जमकर विवाद किया था। नेशनल हाइवे 69 के पास खोजनपुर में डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट ने आठ एकड़ जमीन खरीदी थी। जमीन के सीमांकन के दौरान डेरा समर्थकों और स्थानीय लोगों में भयंकर विवाद हुआ था।

कब्जे में ले लिया था मंदिर

डेरा समर्थकों ने जमीन के सीमांकन के दौरान भूखंड पर स्थित हनुमान मंदिर को बाउंड्री वाल के भीतर कर दिया। स्थानीय लोगों ने जब इसका विरोध किया तो समर्थकों ने स्थानीय लोगों के साथ मारपीट की। प्रशासन के आला अधिकारियों की मौके पर मौजूदगी से क्षेत्र छावनी में बदल गया था।

सतलाेक आश्रम: संत राम पाल

सतलाेक आश्रम का संचालक रामपाल दास कभी हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में बतौर जूनियर इंजीनियर कार्यरत था। सन 2000 में इसे बर्खास्‍त कर दिया गया। इसके बाद रामपाल दास संत रामपाल बन गया। साल 2006 में रामपाल के हिसार में सतलोक आश्रम में जमीन को लेकर विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ा कि इसमें एक व्यक्ति की हत्या हो गई थी। रामपाल समर्थकों ने हिसार कोर्ट में भी हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस ने बाबा और उनके समर्थकों पर केस दर्ज कर लिया।

कोर्ट के बार-बार बुलाने के बाद भी रामपाल कोई न कोई बहाना बनाकर पेश होने से बचता रहा। इसके बाद 2013 में फिर करौंथा गांव में आश्रम पर कब्जे को लेकर काफी संख्या में उनके समर्थक आश्रम के अंदर घुस गए। यहां हुई झड़प में दो लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे।

10 दिन चला पुलिस का ऑपरेशन

नवंबर 2014 में हाईकोर्ट ने करौंथा में युवक की मौत मामले में रामपाल को पेश होने के आदेश दिए थे। 5 नवंबर, 2014 को हाईकोर्ट ने रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए। 10 नवंबर को पुलिस के पास रामपाल को कोर्ट में पेश करने का समय था। रामपाल को समर्थकों ने अस्वस्थ बताकर पेश नहीं होने दिया था। पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के लिए ऑपरेशन शुरू किया, जो 10 दिन चला था।

24 घंटे तक चला गिरफ़्तारी के लिए टकराव

18 नवंबर, 2014 को पुलिस ने रामपाल की गिरफ्तारी के लिए आश्रम में प्रवेश करना चाहा तो समर्थकों से टकराव हुआ था। 19 नवंबर तक रामपाल समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव रहा। इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई थी। दोनों तरफ से कई घायल हुए थे। 20 नवंबर, 2014 को रामपाल की गिरफ्तारी के बाद आश्रम खाली करवाकर पुलिस ने कब्जे में लिया।

निर्मलजीत सिंह नरूला: निर्मल बाबा

भक्तों को जलेबी, हरी-लाल चटनी खाने जैसी अजीबो-गरीब सलाह देने वाले निर्मल बाबा भी बाबाओं की फेहरिस्त में शामिल है। उन पर आरोप था कि उन्होंने डायबिटीज के मरीज को खीर खाने की सलाह देकर बीमार कर दिया। बाबा ने भोंडसी में छह एकड़ 11 कनाल जमीन की रजिस्ट्री कराई थी। निर्मल दरबार ट्रस्ट के नाम पर निर्मलजीत सिंह नरूला द्वारा खरीदी गई जमीन की कीमत तहसील के सरकारी दस्तावेज में 21 करोड़ 11 लाख 92 हजार 500 रुपए में दिखाई गई।

पहले से विवादों में आ चुके और कई जगह मुकदमे झेल रहे निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा एक और विवाद में फंसे थे। डेढ़ महीने के भीतर 70 करोड़ से ज्‍यादा की प्रॉपर्टी खरीदी थी। बताया जा रहा है कि उन्‍होंने रीयल एस्टेट कंपनी डीएलएफ रेजीडेंसी से एक प्रॉपर्टी की डील की थी। इसके एवज में कंपनी को ड्राफ्ट के जरिए एक माह में 49 करोड़ रुपये दिए थे।

योग वेदांत समिति: आसाराम बापू

दिल्ली गैंगरेप मामले में 7 जनवरी को आपत्तिजनक बयान, 16 साल की नाबालिग शिष्या से रेप, 2009 में तंत्र-मंत्र और काला जादू जैसे विवादित मामलों से घिरे आसाराम बापू के ऊपर जमीन से सम्बंधित ढेरों विवाद हैं। इनपर रतलाम में करीब 100 एकड़ जमीन कब्जा करने का मामला दर्ज है।

मामला 2001 का है मंगलया मंदिर के पास आसाराम के योग वेदांत समिति ने 11 दिनों के लिए एक जमीन ली। लेकिन 11 दिनों के बाद जमीन खाली नहीं की गई। 700 करोड़ रुपए की यह जमीन ‘जयंत विटामिन्स लिमिटेड’ की है। इस जमीन के मामले में आसाराम, उनके बेटे नारायण सांई और कुछ अन्य लोगों को अरोपी बनाया गया। इससे पहले सन् 2000 में इन पर एक अन्य जमीन को हड़पने का मामला सुर्खियों में रहा था

आगरा के दयालबाग क्षेत्र में प्रशासन की कार्रवाई के दौरान राधा स्वामी सत्संग सभा के सत्संगियों की ओर से रविवार को पुलिस पर हमला कर देना इन सब घटनाओं को याद दिलाता है। बाबाओं का जमीनों को लेकर लोभ जब भी बढ़ा है तब निश्चित ही लोगों ने अपनी जानें गवाई हैं।

रविवार देर तक चली प्रशासनिक बैठक के बाद अधिकारियों ने सत्संगियों को 7 दिन का समय दिया। इसके बाद से दयालबाग में तनावपूर्ण शांति है। वहीं सोमवार को एक सत्संगी महिला डीसीपी सिटी कार्यालय पहुंची, जहां उसने सत्संग सभा को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए। इस दौरान उसने सत्संग सभा पर कैंप के दौरान कई हत्याओं का आरोप भी लगाया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."