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15 January 2025 3:01 pm

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किसानों को कैसे चूना लगाया पावर कॉरपोरेशन ने…पढ़िए इस खबर को 

32 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 

लखनऊ: नया बिजली कनेक्शन लेने वाले हजारों किसानों से पावर कॉरपोरेशन ने जीएसटी वसूल लिया। ये जीएसटी किसानों द्वारा कनेक्शन लेने के लिए बनाए गए इस्टीमेट पर लिया गया। अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है। बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश भर में 10,000 से अधिक किसानों को दिए गए इस्टीमेट पर जीएसटी वसूला गया है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में ही पकड़े गए ऐसे कुछ मामलों पर प्रिसिंपल अकाउंटेंट जनरल ने जवाब मांगा है।

सूत्रों के मुताबिक लखनऊ में ऐसे कई मामले पकड़ में आए हैं। चिनहट डिवीजन में 15 ऐसे किसानों के मामले सामने आए हैं, जिनसे इस्टीमेट पर जीएसटी वसूला गया है। उपभोक्ता परिषद ने मांग उठाई है कि ऐसे सभी मामलों की जांच होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। नियमों के मुताबिक किसानों को दिए जाने वाले कनेक्शन के लिए बनने वाले इस्टीमेंट में जीएसटी वसूलने की व्यवस्था वर्ष 2018 से समाप्त कर दी गई है। इसके संबंध में निदेशक वित्त ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को आदेश भी जारी किया था।

सप्लाई के आंकड़ें वेबसाइट से हुए गायब

प्रदेश में बढ़ रहे बिजली संकट को देखते हुए यूपीएसएलडीसी ने बिजली सप्लाई के आंकड़ों को वेबसाइट से हटा दिया है। जिसकी वजह से किन क्षेत्रों में कितनी बिजली सप्लाई हो रही है। उसका पता नहीं चल पा रहा है। पिछले कुछ दिनों से मांग बढ़ने की वजह से बिजली संकट बढ़ा है। 21 अगस्त के बाद यूपीएसएलडीसी ने बिजली सप्लाई के आंकड़ों को नहीं जारी किया है। प्रदेश के कई इलाकों में लगातार बिजली कटौती हो रही है। साइट से आंकड़े हटाए जाने को लेकर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बुधवार को यूपीएसएलडीसी के निदेशक पीयूष गर्ग से बात कर अपना विरोध जताया। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत पब्लिक डोमेन में बरसों से आ रही सूचनाओं को आम जनता से क्यों छिपाया जा रहा है।

गरीब किसानों से कैसे की गई गड़बड़ी?

बिजली विभाग में कई घोटालों के बाद अब नए तरह की गड़बड़ी सामने आई है। करीब दस हजार से ज्यादा किसानों को बिजली के लिए दिए गए इस्टीमेट पर बिजली कर्मचारियों ने जीएसटी वसूल ली है। शुरुआती पड़ताल की गई तो पता चला कि इन किसानों को बिजली कनेक्शन लेने के लिए कर्मचारियों ने जो इस्टीमेट दिया, उसमें जीएसटी जुड़ी हुई थी। जबकि 2018 के बाद से ही किसानों से जीएसटी वसूलने पर रोक लगाई जा चुकी है।

यह मामला तब खुला जब कुछ किसानों ने इस्टीमेट के आधार पर पैसा जमा करने के बाद रसीद दिखाई। खुद बिजली विभाग के अधिकारियों ने यह रसीद देखी तो पता चला कि इस तरह जीएसटी देने वाले किसानों की तादाद हजारों में है। अब बिजली विभाग इन किसानों से की गई वसूली गई जीएसटी की धनराशि की जांच करा रहा है। बाद में इसे बिल में एडजस्ट भी किया जा सकता है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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