दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
राजधानी दिल्ली के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक लड़की की लाश मिलती है। ये लाश एक बैग के अंदर थी। लाश कई टुकड़ों में कटी हुई थी। हाथ-पैर अलग, धड़ अलग, सिर अलग। लड़की की लाश को देखकर ये तो साफ था कि पढी लिखी अच्छे घर की है। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल था ये जानना कि ये लड़की कौन थी? दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर कैसे आई लड़की की लाश? कहां रहता है लड़की का परिवार?
दिल्ली में मिली टैटू वाली लड़की की कटी लाश
लड़की के पास कोई डॉक्यूमेंट या कोई निशानी नहीं थी। हां लड़की के शरीर में एक टैटू बना हुआ था। इसी टैटू की मदद से लड़की की पहचान हो पाई। लड़की के परिवार वालों ने लड़की के गायब होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। लड़की का नाम नीतू सोलंकी था। सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी। कुछ महीनों पहले उसने अपने परिवार को बताया था कि वो सिंगापुर जॉब के लिए जा रही है, लेकिन उसके बाद से वो गायब हो गई थी। न परिवार वालों को फोन कर रही थी और न ही किसी से कोई संपर्क था। परिवारवालों ने कुछ दिन बाद नीतू के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन अब नीतू की लाश मिल चुकी थी।
परिवार को सिंगापुर बताकर लिव इन पार्टनर के साथ रह रही थी
ये पता चल चुका था कि लड़की नीतू है, लेकिन ये नहीं पता था कि किसने किया नीतू का इतनी बेरहमी से कत्ल। ये भी साफ नहीं था कि वो जब परिवार वालों को सिंगापुर जाने की बात बताकर घर से गई तो फिर क्यों दिल्ली में ही रह गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि नीतू कभी सिंगापुर गई ही नहीं। वो परिवार वालों को झूठ बोलकर दिल्ली में अपने बॉयफ्रेंड के साथ रहने लगी थी।
लिव इन पार्टनर ने कर दिया था लड़की का कत्ल
नीतू का राजू गहलोत नाम के शख्स के साथ अफेयर चल रहा था और दोनों ने दिल्ली में साथ रहना शुरू कर दिया था। अब पुलिस को राजू की तलाश थी। सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई तो एक कार दिखी जिसने नीतू की लाश वाला सूटकेस रेलवे स्टेशन पर फेंका था। छानबीन हुई तो पुलिस की पकड़ में राजू गहलोत का कजिन आया। दरअसल वो कार उसी के नाम पर थी, लेकिन तलाश तो राजू गहलोत की थी और उसका कोई पता नहीं था।
झगड़ा होने की वजह से गुस्से में की थी हत्या
राजू गहलोत दिल्ली यूनिवर्सिटी से पास आउट था और एयर इंडिया के क्रु में काम करता था। नीतू सोलंकी और राजू गहलोत कई महीनों तक अलग-अलग शहरों में साथ रहते रहे। दरअसल नीतू राजू गहलोत से शादी करना चाहती थी, लेकिन राजू के परिवार वाले तैयार नहीं थे। कुछ महीनों बाद ये दोनों वापस दिल्ली लौट आए थे, लेकिन इस दौरान राजू की जॉब छूट गई थी। उसने दिल्ली में आकर छोटी-मोटी चोरियां शुरू कर दी। इस बात से नीतू काफी नाराज थी। दोनों के बीच झगड़े होने लगे थे। एक दिन गुस्से में राजू ने नीतू का कत्ल कर दिया। बाद में राजू ने अपने कजिन को बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए बुलाया।
7 साल तक पुलिस करती रही लड़के की तलाश
पुलिस कई सालों तक राजू की तलाश करती रही, लेकिन उसका कोई पता नहीं लगा। पुलिस की टीम गहलोत परिवार से संपर्क में थी। वो अपने घर भी नहीं आया था। नीतू सोलंकी की हत्या साल 2011 में हुई थी। धीरे-धीरे ये केस ठंडा पड़ने लगा था, लेकिन करीब 7 साल बाद 2019 में पुलिस के पास राजू गहलोत के परिवार से एक फोन आया। उन्होंने बताया कि राजू गुरुग्राम के एक अस्पताल में एडमिट है। पुलिस की टीम तुरंत अस्पताल पहुंची, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
पुलिस से बचता रहा, लेकिन मौत से नहीं बच पाया
नीतू का हत्यारा मारा जा चुका था। राजू गहलौत को लंग इंफेक्शन हो गया था। नीतू की हत्या के बाद अलग-अलग शहरों में रहता रहा। कुछ समय तक वो गोवा में भी रहा, लेकिन फिर दिल्ली लौट आया। दिल्ली आने के बाद उसने अपना नाम बदल लिया और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नौकरी करने लगा। वो पुलिस से तो बचता रहा, लेकिन मौत से नहीं बच पाया। (प्रदर्शित चित्र सांकेतिक है।)
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."