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November 1, 2024 7:55 pm

रेप, अबॉर्शन पिल्स और यातनाएं, मरे हुए दोस्त की बेटी को वह नोंचता रहा और दरिंदगी ऐसी कि सुनकर सिसक पड़ेंगे आप

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

उस बच्ची को अब जीवनभर ‘अंकल’ शब्द डराएगा। जिसे वह अपने पिता के बराबर मानती थी, भरोसा करती थी, उसी ने ऐसा घिनौना काम किया कि चाचा-भतीजी का रिश्ता शर्मसार हो गया। उसे पैनिक अटैक आने लगे। ये कहानी आपका रिश्तों से भरोसा उठा देगी। बच्ची के पिता इस दुनिया में नहीं हैं, पर जहां भी होंगे उनकी आत्मा आज खुद को कचोट रही होगी। ऐसे शैतान से उन्होंने कैसे दोस्ती कर ली थी? दोस्त की मौत के बाद संभव होता तो वह परिवार की मदद करता लेकिन उसने तो हालात का फायदा उठाया। वो भी उससे जो उसकी बेटी जैसी थी। वह कई महीनों तक बच्ची की आत्मा को नोचता रहा। बार-बार डरा धमकाकर रेप करता रहा। यह दास्तां पढ़ते हुए आपका सिर शर्म से झुक जाएगा, गुस्सा भी बहुत आएगा लेकिन उस दरिंदे ने सारी हदें पार कर दी थीं। नैतिकता और इंसानियत मर गई थी। वह दिल्ली सरकार में अफसर भले ही हो, पर हरकत उसने जानवरों से भी बदतर की है। उसकी पत्नी को भी शर्म नहीं आई।

राजधानी दिल्ली की पॉश कॉलोनी का एक घर जिसकी दीवारों के अंदर एक लड़की सिसकती रही, जहां वो तड़पती रही, रोज उसका यौन शोषण होता, प्रेग्नेंट न हो जाए इसलिए उसे अबॉर्शन पिल्स दी जाती। वो रोती, दया की भीख मांगती, लेकिन उस घर के अंदर उसके लिए दया किसी के पास नहीं थी। न उसके अंकल के पास और न ही उस महिला के पास जिसे वो आंटी बोलती थी। अंकल भी नहीं उस दरिंदे को वो मामा बोलती थी। मामा मतलब समझते हैं न, कितना भरोसा रहा होगा बच्ची को इस हैवान के ऊपर। इस लड़की ने जिन्हें अपने माता-पिता के बराबर माना वही इस बच्ची के साथ वो करते रहे जिसकी कल्पना से भी रोंगटे खड़े हो जाएं।

पढ़ा लिखा परिवार। दिल्ली सरकार में असिस्टेंट डायरेक्टर पोस्ट में है प्रेमोदय खाखा अपनी पत्नी सीमा रानी और एक बेटे का साथ रहता है। करीब ढाई साल पहले यानी कोविड के खौफनाक दौर के आसपास इस असिस्टेंट डायरेक्टर के दोस्त की मौत हो गई थी। अपने दोस्त की बेटी को ये शख्स अपने घर ले आया, ये बोलकर की मेरी बेटी ही तो है ये। मां ने भी छोड़ दिया कि चलो कोई नहीं अंकल आंटी के घर रहेगी तो शायद पिता की मौत के दर्द से जल्दी उबर पाएगी।

दिल्ली में बेटी बनाकर लाया और करता रहा शारीरिक शोषण

बच्ची अपने अंकल-आंटी के साथ दिल्ली आ गई उनके घर में, लेकिन उसे नहीं पता था कि वो जहां जा रही है वहां उसके साथ क्या होने वाला है। ये राक्षस बच्ची को बेटी बनाकर घर तो ले आया लेकिन इसके इरादे और नीयत में इतना खोट था कि जब हकीकत सामने आई हर कोई चौंक गया। करीब एक साल तक ये बच्ची यहीं दिल्ली में प्रेमोदय के घर पर रही। साल 2021 में बच्ची की मां दिल्ली आई और फिर ये लड़की अपनी मां के साथ अपने घर वापस लौट गई।

असिस्टेंट डायरेक्टर और उसकी पत्नी का खौफनाक चेहरा

घर वापस लौटने के बाद ये लड़की पूरी तरह से बदल चुकी थी। वो चुप-चुप रहने लगी थी, बात बात में घबराने लगी थी। कुछ समय बाद बच्ची को पैनिक अटैक आने लगे, लड़की की हालत काफी बिगड़ने लगी। मां लड़की को दिल्ली के स्टीफंस हॉस्पिटल ले गई। वहां बच्ची का इलाज शुरू हुआ और साथ ही काउंसलिंग भी। इसी काउंसलिंग के दौरान सामने आई दिल्ली के असिस्टेंट डायरेक्टर और उसकी पत्नी की हैवानियत की कहानी।

इतनी यातनाएं दी कि लड़की को पैनिक अटैक शुरू हो गए

लड़की ने वो दर्द सालों से अपने दिल और बसा लिया था उसे काउंसलिंग के दौरान सबके सामने बताया। उसने बताया कि एक साल तक कैसे असिस्टेंट डायरेक्टर उसके साथ यौन शोषण करता रहा। एक साल तक बच्ची का बलात्कार होता रहा। उसे मानसिक यातनाएं दी जाती। वो कहती अंकल मुझपर दया करो। जब इस दरिंदे को दया नहीं आई तो लड़की ने सारी घटना इस शख्स की पत्नी को बताई। उसे लगा कि महिला है तो वो समझ पाएगी उसका दर्द, लेकिन इस असिस्टेंट डायरेक्टर की पत्नी और आगे निकल गई। उसने लड़की की मदद करने की जगह उसे अबॉर्शन पिल्स देना शुरू कर दिया, ताकि पति के काले कारनामों को पर्दे में रख सके। एक साल तक ये ऐसे ही इस नाबालिग बच्ची के साथ अत्याचार करते रहे।

मामा बनकर बच्ची की जिंदगी को बर्बाद कर दिया

इस खौफनाक केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। रिश्तों पर कोई कैसे भरोसा करे। दोनों पति पत्नी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हो चुका है। जांच चल रही है, लेकिन जो सदमा इस लड़की को लगा है वो शायद पूरी जिंदगी भी न भर पाए।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."