आनंद शर्मा की रिपोर्ट
प्यार की खातिर सरहद लांघने के कई किस्से इस बीच सुर्खियों में हैं। अपने चार बच्चों को लेकर कुछ महीने पहले पाकिस्तान से सीमा हैदर भारत चली आई। तो वहीं अपने दो बच्चों को छोड़कर राजस्थान की अंजू पाकिस्तान चली गई।
इसी बीच एक और महिला राजस्थान के डूंगरपुर से कुवैत भाग गई। साथ ही उसने हिंदू धर्म त्याग कर मुस्लिम धर्म अपनाने का दावा किया है। एक वीडियो पोस्ट कर महिला ने अपनी पूरी कहानी सुनाई है। उसने बताया कि आखिर वो भारत क्यों छोड़ी, धर्म क्यों बदला और दूसरी शादी क्यों की?
मैं वहां बहुत परेशान थी…
दरअसल, राजस्थान की दीपिका अब नाजिरा बन गई है। उसने कुवैत जाकर अपने लवर इरफान से निकाह भी कर लिया है। उसने अपनी 11 साल की बेटी और 7 साल के बेटे को छोड़कर अब नई जिंदगी की शुरुआत की है। एक वीडियो में दीपिका से नाजिरा बनी महिला ने अपने ससुर पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में उसने कहा, ‘घर छोड़ने के पीछे ये वजह है कि मैं वहां बहुत परेशान थी। वहां मेरे साथ न जाने क्या-क्या हो रहा था। मैं यहां अपनी मर्जी से आई हूं। इस्लाम भी मैंने मर्जी से ही कबूल किया है।’
मेरा ससुर मेरे साथ…
नाजिरा ने आगे कहा, ‘मेरा ससुर मेरे साथ गलत हरकतें करता था। आधी-आधी रात को वो मेरा दरवाजा खटखटाता था। मुझे गलत जगह पर टच भी करता था। इसकी शिकायत मैंने अपने पति से भी की लेकिन वो कुछ भी नहीं बोले। इसकी शिकायत जब मैंने अपने घरवालों (मायके) से की तो वो आकर मेरे ससुर को समझाते। समझाने के बाद एक-दो दिन वो ठीक से रहता था लेकिन फिर उसकी वही हरकतें शुरू हो जाती थीं। वो सुबह-शाम मेरे पास आता था। जब भी घर में बच्चे नहीं होते वो घर में घुस जाता था। इन सब से मैं बहुत परेशान हो चुकी थी।’
पति नहीं माना…
नाजिरा ने आगे कहा, ‘मैंने अपने पति से कहा कि मुझे अपने साथ मुंबई लेकर चलिए। लेकिन वो नहीं माने। छह-सात बार मैंने सुसाइड करने की कोशिश भी की। परेशान होकर मैंने घर छोड़ दिया। मेरे ससुराल वाले जो कुछ भी बोल रहे हैं वो सब झूठ है। मेरे पति ने कहा कि अगर तू घर पर नहीं रह सकती तो मर जा, मैं तुझे अपने साथ नहीं रख सकता। मैं ये पूछना चाहती हूं कि आजतक जब मेरे साथ गलत हो रहा था तब ये मीडिया कहां थी? गांव के लोग, घरों के लोग कहां थे? कुवैत में भी मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है। मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत किया है। मेरे बच्चे जान से भी ज्यादा प्यारे थे। मैं रिक्वेस्ट करती हूं कि मुझे भी मीडिया के सामने बोलने का मौका दें।’
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."