चुन्नीलाल प्रधान और नौशाद अली की रिपोर्ट
गोंडा: यूपी के गोंडा जिले में घाघरा और सरयू नदी में बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कर्नलगंज और तरबगंज तहसील के 20 गांव पानी से पूरी तरह घिर चुके है। प्रशासन ने इन गांवों के लोगों को बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है। सरयू नदी में उफान आने से ढेमवाघाट पुल में कटान शुरू हो गई। संभावित खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने पुल के रास्ते से आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया है।
बुधवार की सुबह गिरजा बैराज से 164038 क्यूसेक शारदा बैराज से 146172 तथा सरयू बैराज से 2754 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है। कुल मिलाकर 312964 क्यूसेक पानी बैराजों से छोड़ा गया है। खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर ऊपर बह रही घाघरा का जलस्तर बीते 24 घंटे में घटकर 39 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है।
जलस्तर घटने से तटबंध में कटान तेज हो गई। दो तहसीलों के हजारों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि फसल सहित नदी की धारा में समा गई है। बाढ़ का खतरा बढ़ने से प्रशासन करनैलगंज और तरबगंज तहसील में सक्रिय हो गया है। अधिकारी लगातार निगरानी कर लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहे हैं। फिर भी अभी ग्रामीणों को गांव में पानी घुसने का इंतजार है।
तरबगंज में ऐली-परसौली तटबंध के किनारे और उमरीबेगमगंज के पास लोग शरण ले रहे हैं। वहीं नवाबगंज में पटपरगंज के साथ ही कटरा-अयोध्या मार्ग के किनारे गांवों के लोग आ रहे हैं। सरयू के बढ़े जलस्तर से नदी व तटबंध के बीच के गांव नउवन पुरवा, परसावल, नयपुरा, माझा रायपुर गांव बाढ़ के पानी से चौतरफा घिर गए हैं। नवाबगंज क्षेत्र के दत्तनगर के बैसिया, पाड़ी, टाड़ी जिवरक्खन पुरवा आदि मजरों में नदी का पानी भर गया है।
साथ ही साखीपुर, गोकुला, चौखड़िया, तुलसीपुर माझा, जैतपुर, माझाराठ में पूरी तरह पानी भर गया है। नवाबगंज क्षेत्र के दत्तनगर निवासी आदर्श कुमार तिवारी ने बताया कि सभी रास्तों पर पानी भर गया है। यहां अभी नाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जो भी अधिकारी कर्मचारी आते हैं फोटो खींचाकर चले जाते हैं। हम लोगों को अभी तक कोई व्यवस्था नहीं मिली है।
बाढ़ के पानी से घिरे गांव में बढा संक्रामक रोगों का खतरा
बाढ़ के पानी से घिरे गांव में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। नदी के तटवर्ती 24 पंचायतों के गांव ऐसे हैं जो कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। बाढ़ का संकट तो है। गांव के किनारे तक पानी पहुंच गया है। इससे संक्रामक रोग भी फैल रहे हैं। नवाबगंज, तरबगंज, करनैलगंज, परसपुर, बेलसर ब्लॉक के स्वास्थ्य केंद्रों पर लगातार माझा के बीमार लोग पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने भी स्वास्थ्य टीमों को सक्रिय कर दिया है। जिसमें लोगों का परीक्षण कर दवाएं दी जा रही हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर चिक्तिसकों को भी निर्देश दिया गया है कि दवाओं की कमी न रहने पाए।
जिलाधिकारी ने कहा
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि जनपद में तरबगंज तहसील के नवाबगंज क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति अधिक है। घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कल के मुकाबले आज जलस्तर घटा है।
जलस्तर घटने के बाद घाघरा नदी में कटान तेज हो गई। उन्होंने कहा कि हमारी 28 बाढ़ चौकियां हैं उन्हें अलर्ट मोड पर रखा गया। राहत सामग्री का भी प्रभावित गांव में वितरण किया जाएगा। हमारे सभी अधिकारी क्षेत्रों में भ्रमणशील हैं। अलग-अलग गांव के क्षेत्र को देखा जाए तो लगभग 10 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है।
बंधे पर जो लोग आ गए हैं उन्हें राहत सामग्री का भी वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि मौसम का अलर्ट अभी हमें मिला है जिसमें अधिक बारिश के आसार हैं ऐसे में लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
नेपाल लगातार छोड़ रहा पानी
नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा और सरयू नदी पूरे उफान पर है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जिससे पांच विकासखंड के 20 गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह से घिर गए हैं। कुछ गांव में पानी प्रवेश कर चुका है। प्रशासन ने इन गांव को हाई अलर्ट किया है। ग्रामीण सुरक्षित ठिकानों के लिए पलायन करने लगे है। हालांकि प्रशासन पानी से घिरे गांव के लोगों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."