अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
जब किसी महिला या बच्ची का रेप होता है तो सिर्फ उसके शरीर पर हमला नहीं होता, उसकी आत्मा पर भी गहरी चोट होती है। उसकी शारीरिक हालात नहीं बिगड़ती बल्कि उसकी मानसिक हालत भी प्रभावित होती है, लेकिन ऐसी बलात्कारी सोच का क्या जो इस दर्द में अपना मजा ढूंढते हैं। सोचिए आजादी के इतने साल बाद भी हमारे देश में रेप के डाटा बेहद चिंताजनक हैं। देश में एक दिन में 87 बेटियों की आबरू लूटी जाती है। रेप की मानसिकता एक बीमारी की तरह बढ रही है। अगर आप एक दिन का अखबार उठा कर देख ले तो उसमें रोज 8-10 खबरें बलात्कार से भरी होती है। सबसे पहले ऐसी ही कुछ लेटेस्ट खबरों पर नजर डालिए।
बलात्कारी सोच से आजादी कब मिलेगी ?
स्कूल जाते हुए किया गया रेप
11 अगस्त का मामला है। हरियाणा के रोहतक में 15 साल की एक बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ। बच्ची स्कूल जा रही थी। रास्ते से उसका अपहरण कर लिया गया। उसके बाद कार से उस बच्ची को एक होटल में ले जाया गया और फिर चार लोगों ने मिलकर बच्ची को नोंच डाला। उसकी अस्मत को लूटा। ये चारों गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन लड़की की मानसिक हालत बेहद खराब है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। काउंसलिंग की जा रही है। जो बच्ची अपने स्कूल के लिए निकली थी उसके साथ जो हो गया वो शायद पूरी जिंदगी उसके दिमाग में अपनी एक गहरी छाप छोड़ जाए।
सगा भाई कर रहा था बहन का रेप
ये घटना तो सबसे भयानक है जिसे सुनकर रुह कांप जाए। उत्तर प्रदेश के कानपुर में लड़की का सगा भाई उसके साथ रेप करता रहा। लड़की ने अपनी मां को ये बात बताई तो मां ने अपनी बेटी को चुप रहने के लिए कहा। एक महिला, सगी मां अपनी बेटी को रेप जैसे मामले को सहने के लिए कहती रही, सिर्फ इसलिए क्योंकि उसे अपने बेटे को बचाना था।ये दरिंदगी एक दो बार नहीं कई बार इस लड़की के साथ हुई। लड़की हर बार अपनी मां को बताती, लेकिन मां अपनी सगी बेटी को चुप रहने के लिए कहती। आखिरकार परेशान होकर लड़की ने खुद ही थाने जाकर शिकायत की।
घर से झांसा देकर ले गया और किया रेप
अब सुनिए 10 अगस्त का केस। जगह बदल गई है। ये केस राजस्थान के गंगानगर में हुआ। एक नाबालिग लड़की घर पर अकेली थी। पिता जयपुर गए थे जबकि मां किसी काम से बाहर गई हुई थी। उसके पड़ोस में ही रहने वाला एक शख्स जो कैशियर की नौकरी करता था इसका फायदा उठाया। वो लड़की के घर आया, लड़की को मोबाइल देने का झांसा दिया। उसने बताया कि पास ही सरकारी मोबाइल बांटे जा रहे हैं और इस बहाने से वो उसे वहां लेकर गया और फिर वहां रास्ते में उसके साथ बलात्कार किया। लड़की ने जब विरोध किया तो उसे चाकू से घायल भी कर दिया। सोचिए उस लड़की को उसपर भरोसा था, लेकिन उसने उस भरोसा का फायदा उठाया।
देश में रोज होते हैं 87 बलात्कार
ये तो बस कुछ घटनाएं है रोज इस तरह की 87 घटनाएं होती हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में रोज औसतन 87 लड़कियां रेप की शिकार होती हैं। अभी साल 2021 तक आंकड़े मौजूद है। साल 2021 में बलात्कार के कुल 31 हजार 677 मामले देश में दर्ज हुए। साल 2021 में सबसे ज्यादा राजस्थान में रेप की घटनाएं हुई। यहां 31 हजार 677 मामले दर्ज हुए थे। इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा नाबालिग लड़कियां बलात्कार की शिकार होती हैं।
कब ऐसी गंदी सोच से हम होंगे आजाद?
सोचिए ये कैसी घटनाएं हैं? लड़कियां किसपर विश्वास करें। कभी घर में रेप हो जाते हैं, कभी सड़क पर, कभी होटल में, कभी रिश्तेदार के घर पर। कभी मां साथ नहीं देती, कभी पिता रेप कर देता है,कभी भाई। स्कूल बस में, क्लासरूम में, ट्यूशन में आखिर कैसे बचें लड़कियां? अनजान तो छोड़िए जानने वालों पर भी विश्वास करना मुश्किल है। रेप होने के बाद बेशक बलात्कारी पर कार्रवाई हो जाए, लेकिन लड़की कैसे उस दर्द से उबरे। आखिर कब हमारे समाज को इस गंदी सोच से निजात मिलेगी? कब देश की बहन-बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी? ये सवाल हैं जिनका जवाब हमें खुद अपने अंदर ही खोजना होगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."