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28 December 2024 1:02 pm

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बदल गए सुर मोदी के…’मित्रों’ और ‘देशवासियों’ से अब आए ‘मेरे परिवारजनों’ पर…..इशारा क्या है ?

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

पीएम नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर आज देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम के भाषण में कुछ शब्द बदले-बदले नजर आए। आम तौर पर अपने संबोधन में भाइयो-बहनों या फिर देशवासियों का संबोधन इसबार के भाषण में नहीं था। बल्कि इसकी जगह एक नए शब्द ने ले लिया था। वो शब्द था परिवारजनों।

दरअसल, आम तौर पर पिछले 9 बार के अपने संबोधन में पीएम मोदी भाइयो-बहनों या प्रिय देशवासी जैसे शब्दों का प्रयोग करते थे। लेकिन इसबार उन्होंने इन शब्दों को बदल दिया। उन्होंने देशवासियों की जगह परिवारजनों का इस्तेमाल किया। माना जा रहा है कि 2024 के चुनाव से पहले पीएम मोदी ने एक और नया दांव चल दिया है। कई बार वो अपने भाषण में देशवासी तो जरूर बोलते नजर आए लेकिन उसे तुरंत परिवारजनों की तरफ ले आते थे।

देश की आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहा कि कमजोर और मध्य वर्ग के लोगों के लिए सरकार एक योजना लेकर आ रही है। सरकार ने ऐसे लोगों को होम लोन के ब्याज में लाखों रुपये की राहत देने का फैसला किया है। इससे झुग्गी-झोपड़ी और किराये पर रहने वाले लोगों का अपने घर का सपना पूरा हो सकेगा।

पीएम मोदी ने कहा, ‘शहर के अंदर जो कमजोर लोग रहते हैं। मध्यम वर्ग के परिवार जो अपने घर का सपना देख रहे हैं, हम आने वाले कुछ सालों में उनके लिए योजना लेकर आ रहे हैं। जो शहरों में रहते हैं, किराए के मकान, झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, चॉल में रहते हैं, ऐसे लोगों को जो लोन मिलेगा, उसके ब्याज में लाखों की राहत देने का फैसला किया है।’ देश में अब भी एक बड़ी आबादी झुग्गियों में रहती है। 2011 की जनगणना के मुताबिक शहरों में 17 फीसदी आबादी झुग्गियों में रहती है।

पीएम मोदी ने जिस तरीके से इसबार के अपने भाषण में शब्द बदले हैं उससे उनकी तैयारी भी दिख रही है। परिवारजनों के माध्यम से वो देश को ये संदेश देना चाहते हैं कि उनका पीएम सभी देशवासियों के लिए एक परिवार का सदस्य है। आम लोगों से कनेक्ट करने वाला शब्द होने के कारण इस शब्द का इस्तेमाल ज्यादा मुफीद था। इस शब्द के जरिए पीएम मोदी ने देश की जनता से जुड़ने का संदेश देना चाह रहे थे।

2024 के आम चुनाव से पहले परिवारजनों शब्द से बड़े संदेश देने की कोशिश की है। वो इसके जरिए ये बताना चाहते हैं कि देश का ये नेता आपके सुख-दुख में हमेशा शामिल रहेगा। परिवार का सदस्य बनने की कोशिश करके पीएम मोदी ने विपक्ष को भी संदेश दे दिया है। पीएम ने अपने पूरे भाषण में जमकर इस शब्द का प्रयोग किया।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में मातृभाषा में पढ़ाई का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने मातृभाषा में पढ़ाने पर बल दिया है। पीएम ने कहा कि बच्चे मातृभाषा में पढ़ सकें इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का भी धन्यवाद करते हैं। पीएम ने कहा कि भारत की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब वो जो जजमेंट देंगे उसका जो ऑपरेटिव पार्ट होगा वो जो अदालत में आया है उसको उसकी भाषा में उपलब्ध होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि आज मातृभाषा का महात्मय बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने जब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से स्थानीय भाषा में जजमेंट का ऑपरेटिव बात का जिक्र किया तो सीजेआई वहीं मौजूद थे। सीजेआई ने पीएम मोदी की इस बात पर हाथ उठा कर अभिवादन किया। इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई पर जोर दिया गया है।

देश की मजबूत सीमाओं का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सीमाएं पहले से ज्यादा सुरक्षित है। सेना का आधुनिकीकरण हो। हमारी सेना युद्ध के लिए तैयार रहे। इसलिए लागतार सुधार का काम हमारी सेना में हो रहा है। आए दिन हम सुना करते थे यहां बम धमाका हुआ वहां बम धमाका हुआ। हर जगह लिखा होता था कि इस बैग तो मत छूना। आज देश शांति को देख रहा है। सीरियल बम धमाके का जमाना बीती हुई बात हो गई है। निर्दोषों के जो मौत होते थे वो अब बीते हुए कल की बात हो गई है। आज देश में आतंकी हमलों में भारी कमी आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी बहुत बड़ा बदलाव आया है। परिवर्तन का वातावरण बना है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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