अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली सेवा बिल को लेकर जमकर बहस हुई और इसके बाद बिल पास भी हुआ। आम आदमी पार्टी इस बिल का कड़ा विरोध कर रही थी, इसके बावजूद बिल पास हो गया। लेकिन इस बहस के बीच आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा पर एक गंभीर आरोप लगा है, जिसमें कुछ सांसदों ने उनपर फर्जी हस्ताक्षर करवाने की बात कही है।
यहां तक की चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसका जिक्र किया और राज्यसभा चेयरमैन से जांच की मांग की।
दरअसल, राघव चड्ढा ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें दिल्ली से जुड़े बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की सिफारिश की और इस प्रस्ताव में उनके अलावा 4 अन्य सांसदों के हस्ताक्षर थे। इसमें प्रस्तावित सेलेक्ट कमेटी का भी जिक्र था। हालांकि, बाद में इन सांसदों ने कहा कि उन्होंने ऐसे किसी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं या सहमति नहीं जताई है।
राघव चड्ढा के अलावा जिन चार सांसदों का जिक्र इसमें है, वो एस. कोन्याक, नरहरी अमीन, सुधांशु त्रिवेदी, सस्मित पात्रा और एम. थंबीदुरई शामिल हैं जिनके दिल्ली से जुड़े बिल की सेलेक्ट कमेटी में शामिल होने की बात कही गई। बीजेपी सांसद नरहरी अमीन ने कहा कि राघव चड्ढा ने मेरा नाम इस लिस्ट में लिया, उन्होंने इस बारे में मुझसे बात नहीं की और ना ही मैंने किसी तरह की सहमति दी है। राघव चड्ढा ने जो किया है वह पूरी तरह से गलत है। उनके अलावा अन्य सांसदों ने भी इस मसले की जांच की बात कही है।
इन सांसदों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में इसका जिक्र किया। अमित शाह ने कहा कि इन सदस्यों ने खुद कहा है कि उन्होंने कोई हस्ताक्षर नहीं किए हैं। ये जांच का विषय है कि इनके साइन कहां से आए, ये मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीवाड़े का नहीं है बल्कि संसद के अंदर फर्जीवाड़े का हो गया है। अमित शाह ने मांग करते हुए कहा कि सदस्यों का बयान रिकॉर्ड किया जाए और इसकी जांच भी की जाए।
क्या कहता है नियम?
बता दें किराज्यसभा के नियम के तहत सांसदों ने नियम 722 के तहत चेयरमैन को अपना नोटिस दिया है, जहां राघव चड्ढा का मसला उठाया गया है। अगर आरोप सही पाया जाता है तो इस मामले में कुछ वक्त के लिए सस्पेंशन हो सकता है, वहीं अगर प्रिविलेज कमेटी की जांच में राघव चड्ढा दोषी पाए जाते हैं तो उनकी राज्यसभा सदस्यता भी जा सकती है।
इन आरोपों के बाद राघव चड्ढा ने भी अपना पक्ष रखा और उन्होंने कहा कि जब प्रीविलेज कमेटी जब उन्हें इससे जुड़ा कोई नोटिस देगी, तब इसपर विस्तार से जवाब देंगे।
बता दें कि राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पास हो गया है, इस बिल को लेकर करीब 8 घंटे की चर्चा हुई जिसके बाद अमित शाह ने जवाब दिया। अंत में हुई वोटिंग में यह बिल पास हो गया, बिल के पक्ष में 131 वोट और विपक्ष में 102 वोट पड़े थे।
Author: samachar
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