इरफान अली लारी की रिपोर्ट
भाटपार रानी। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रोफ़ेसर सतीश चंद्र गौड़ ने कहा कि माँ, मातृभाषा एवं मातृभूमि का कोई विकल्प नहीं है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास भारत में शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने वाला न्यास हैं।
यह न्यास अपने सहयोगी संगठनों ,शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के निकट सहयोग से काम करता है।
उक्त बातें प्रोफ़ेसर सतीश चंद्र गौड़ रविवार को कस्बे के मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज सभागार में आयोजित न्यास का स्थापना दिवस पर कहीं ,उन्होंने कहा कि इस न्यास का घोषित लक्ष्य वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की वैकल्पिक व्यवस्था की स्थापना करना है।
प्रोफ़ेसर कमलेश नारायण मिश्र ने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये लिये यह संस्था शिक्षा के पाठ्यक्रम, प्रणाली, विधि और नीति को बदलने तथा शिक्षा में ‘भारतीयकरण’ को आवश्यक मानती है। प्रोफ़ेसर सुधीर कुमार शुक्ला ने कहा कि न्यास का कार्य छः मुख्य क्षेत्रों में केन्द्रित है-छात्र का सम्पूर्ण विकास,चरित्र निर्माण, पर्यावरण, वैदिक गणित, हिन्दी तथा भारतीय भाषाएँ, शिक्षा क्षेत्र की स्वायत्तता। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत एक इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं। प्रोफ़ेसर राम अवतार वर्मा ने कहा कि पर्यावरण वह है जो कि प्रत्येक जीव के साथ जुड़ा हुआ है हमारे चारों तरफ़ वह हमेशा व्याप्त होता है।
डॉक्टर मनीष त्रिपाठी ने वैदिक गणित के सोलह सूत्र, वैदिक गणितीय सूत्रों की विशेषताएँ, कुछ सूत्रों का परिचय,उसके बाहरी कड़ियाँ क्या है? पर विस्तार पूर्वक चर्चा की।
स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व प्राचार्य डॉ राकेश कुमार, डॉ अंशुमान सिंह ,डॉ रणजीत सिंह, डॉ सुशील कुमार पांडेय,डॉक्टर पूनम यादव, डॉक्टर श्रीनिवास मिश्र, डॉ अवनीत सिंह, डॉ महेंद्र मिश्र, डॉ एसके पाठक, डॉक्टर अमीर लाल, डॉक्टर कनक लता, डॉक्टर प्रवीण प्रजापति, डॉक्टर शिव शंकर प्रजापति, डॉक्टर सौरभ पाल, डॉक्टर ज्ञान प्रकाश ,डॉक्टर अजय सिंह, डॉ रवि सिंह ,डॉक्टर अरुण कुमार गुप्त, डॉ अभिमन्यु पांडेय, शिवप्रसाद ,प्रवीण शाही, शिवप्रताप सिंह आदि लोग मौजूद रहें। कार्यक्रम की सफलता को लेकर प्रोफेसर मनोज कुमार ने आभार ज्ञापित किया।
Author: samachar
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