इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया। भाटपार रानी के जमा मस्जिद में मौलाना अहमद हुसैन साहब के देखरेख में बड़ी ही हर्षोल्लास के साथ ईद उल अजहा बकरा ईद की नमाज हजारों की संख्या में लोगों द्वारा अदा की गई।
मौलाना अहमद हुसैन साहब ने नमाज से पहले कुतबा में ईद उल अजहा यानी बकरा ईद के बारे में बताया कि हर एक आदमी अपने अपने घरों पे कुर्बानी कराए। कुर्बानी कराने से बड़ी ही शबाब होता है और बुझी हुई यादें और ईमान ताजा हुआ करता है।
अल्लाह तबारक व ताला ने अपने अजीज इब्राहिम अली सलाम को ख्वाब में दिखाया कि अगर तुम हमसे मोहब्बत करते हो तो हमारी राह में अपने सबसे अजीज चीज की कुर्बानी दो। इसी के मद्देनजर इब्राहिम अली सलाम ने अपने सबसे अजीज यानी बेटा से मोहब्बत करते थे और उनकी नजर में उनका बेटा ही सबसे अजीब था उसी को कुर्बानी के लिए ले गए लेकिन अल्लाह तबारक व ताला का शुक्र है कि कुर्बानी करते समय वहां का नजारा ही बदल दिए और इब्राहिम अली सलाम ने अपने बेटे की जगह एक बकरे को कुर्बानी किये। इसी याद को ताजा करने के लिए हम मुसलमान भाईयो पर कुर्बानी फर्ज है। इसी याद को ताजा करने के लिये हम कुर्बानी कराते है व कुर्बानी कराने से अल्लाह तबारक ताला हर मोमिन को उसके गुनाहों को माफ कर दिया करता है। अल्लाह तबारक व ताला की खुशी के लिए हम मोमिन कुर्बानी कराया करते हैं।
ईद उल अजहा के नमाज के समय जमा मस्जिद भाटपार रानी के कैंपस पर भाटपार रानी तहसीलदार व प्रशासन बहुत ही चुस्त और दुरुस्त दिखाई दे रही थी। नमाजियों के साथ किसी भी प्रकार का कहीं से कोई दिक्कत ना हो इसलिए जमा मस्जिद भाटपार रानी पर प्रशासन मौजूद रही।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."