दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उमेश पाल मर्डर को करीब 123 दिन बीत चुके है। यूपी पुलिस और STF 123 दिन से अतीक के फरार गुर्गों की तलाश कर रही है। पुलिस शाइस्ता परवीन,गुड्डू मुस्लिम,अरमान और शूटर साबिर के पीछे लगी हुई है।
लेकिन ये सारे आरोपी किसी शेफ जगह पर अंडरग्राउंड है। लेटेस्ट अपडेट ये कि फरारी फाइल्स अब वन साइडेड लव स्टोरी बन गई है।
गुड्ड मुस्लिम और शाइस्ता परवीन की फरारी फाइल्स में नया ट्विस्ट आया है… क्योंकि फरारी फाइल्स में अब लव का तड़का लगा है… स्क्रिप्ट लव ट्रांयगल की बनी है… इसमें हीरो है…हीरोईन है…विलेन भी है … एक्शन भी है… ड्रामा भी है… और सस्पेंस तो भरपूर है… और ये हम नहीं कह रहे हैं कि बल्कि ये खुलासा किया है अतीक के बमबाज और शाइस्ता के आशिक गुड्डू मुस्लिम के सौतेले बेटे आबिद ने ।
आबिद ने खुलासा किया है कि–
उमेश पाल मर्डर से पहले अतीक के टच में था गुड्डू मुस्लिम
अतीक और गुड्डू के बीच की मेन कड़ी थी शाइस्ता परवीन
बमबाज गुड्डू शुरू से ही शाइस्ता को पसंद करता था। लेकिन उसने कभी जाहिर नहीं किया
गुड्डू मुस्लिम का प्यार इकतरफ था। शाइस्ता की तरफ से कोई भी रिस्पांस नहीं मिला
इस खुलासे के बाद एक बार फिर चर्चा उस बात की हो रही है… अशरफ के उस बयान की हो रही है जो 15 अप्रैल को अधूरी रह गई थी। प्रयागराज में पुलिस दोनों माफिया ब्रदर्स को मेडिकल टेस्ट के लिए काल्विन हॉस्पिटल लेकर आई थी। लेकिन तभी तीन शूटरों ने दोनों भाईयों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जब गोली चली … तब अशरफ के मुंह जो आखिरी शब्द निकले थे वो थे
तो क्या अशरफ गुड्डू के साथ शाइस्ता का नाम लेना चाहता था ?
तो क्या मेन बात ये कि गुड्डू मुस्लिम ही गैंग चला रहा है ?
या मेन बात ये कि गुड्डू मुस्लिम अतीक गैंग का टैकओवर करने वाला था ?
कहा तो यहां तक जा रहा है कि माफिया अतीक और अशरफ मीडिया के सामने अपने दर्द को बयां करना चाहते थे जो उसके अपनों ने उन्हें दिया था..उस में सबसे बड़ा दर्द देने वाला गुड्डू मुस्लिम ही था..यूपी के रिटायर्ड पुलिस अफसर अखिलेश मेहरोत्रा का ये दावा है कि अशरफ को हत्या की धमकी गुड्डू मुस्लिम की तरफ से ही दिलवाई गई थी..और फिर उसके बाद अतीक और अशरफ की एक साथ हत्या हो गई..
उमेश पाल की हत्या के वक्त शाइस्ता प्रयागराज में ही थी। कई बार वो उसके सामने आई… अपने बेटे को लेकर उसने अपने बेटे असद के बेगुनाह होने की सफाई दी। लेकिन जैसे ही उमेशपाल मर्डर केस में शाइस्ता का नाम केस फाइल में आया। उसे आरोपी बनाया गया…. वो फरार हो गई।
1996 में अतीक और शाइस्ता की शादी हुई थी
इस वक्त गुड्डू मुस्लिम अतीक का सबसे खास गुर्गा था। वो अतीक का सबसे भरोसे वाला आदमी थी। अतीक के दफ्तर के साथ-साथ उसे अतीक के घर में भी जाने की इजाजत थी। अतीक से धंधे की बात करने के लिए गुड्डू मुस्लिम उसके घर भी जाता था। इसी बीच गुड्डू ने शाइस्ता को देखा और वो उसे पसंद करने लगा । लेकिन शाइस्ता ने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। जिसके बाद वो प्रयागराज छोड़कर चला गया। सालों तक गुड्डू मुस्लिम अतीक के टच में नहीं था।
साल 2012 में गुड्डू फिर इलाहाबाद लौटा
चकिया के चक निरतुल में चांदनी नाम की महिला के साथ रहने लगा। चक निरतुल वाली ज़मीन भी गुड्डू को अतीक ने दिलाई और उस पर 3 मंज़िला मकान भी बनवा दिया था। इसी घर से पुलिस ने चांदनी के बेटे आबिद को 18 जून को गिरफ्तार किया । इसी आबिद ने गुड्डू मुस्लिम के ONE SIDED लव स्टोरी की पूरी कहानी पुलिस को बताई है।
अतीक जब जेल गया तब उसके बड़े बेटे उमर की उम्र करीब 19 साल की थी
बाकी सारे बेटे नाबालिग थे। इसी वक्त उमर ने अतीक की गद्दी संभलाने की कोशिश की थी। लेकिन उमर अभी इस खेल में कच्चा था। ऐसे में अतीक ने शाइस्ता को पूरी गैंग और उसकी सियासी विरासत की ये तस्वीर उसी वक्त की है जब उमर अतीक के लिए प्रचार करता था।अतीक जब जेल गया तो गुड्डू का शाईस्ता के घर आना जाना ज़्यादा हो गया । गुड्डू पूरी ईमानदारी से अतीक के बिजनेस और रंगदारी वसूलने में शाईस्ता की मदद करने लगा। गुड्डू मुस्लिम चाहता था कि अतीक की जगह शाइस्ता पूरे गैंग की कमान अपने हाथ में ले।
गुड्डू का प्लान शाइस्ता को मेन स्ट्रीम में लाने का था
वो चाहता था कि अतीक की गद्दी पर शाइस्ता बैठ जाए… क्राइम और पॉलिटिक्स के कॉकेटल को पूरी तरह समझ ले। इसके लिए शाइस्ता को गैंग के गुर्गों से मिलना। शाइस्ता के चुनावी मैनेजमेंट की पूरी प्लानिंग गुड्डू संभालता था। और अब उमेश पाल हत्या कांड से गुड्डू मुस्लिम को शाईस्ता के करीब आने का मौका मिल गया और दोनों साथ-साथ फरारी काटने लगे। पिछले महीने पुलिस को दोनों के साथ में होने के पुख्ता सुबुत भी मिले थे।
गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता मेरठ में किसी सेफ लोकेशन पर मिले थे
पुलिस सूत्रों की माने तो शाइस्ता ने जैसे ही प्रयागराज से फरार होने का प्लान बनाया तो उसे सबसे पहले गुड्डू मुस्लिम की ही याद आई । उसने गुड्डू की फरारी में मदद करने वाले मददगार से गुड्डू का नंबर लिया। और फिर फोन किया। बताया जा रहा है कि इस वक्त गुड्डू कौशांबी में किसी सेफ लोकेशन पर अंडरग्राउंड था। और जब शाइस्ता ने फोन किया तो वो शाइस्ता को लेने के लिए मेरठ आया था। गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता मेरठ में किसी सेफ लोकेशन पर मिले थे। और फिर यहीं से वो एकसाथ फरार हो गए।
शाइस्ता और गुड्डू दोनों एक साथ ही फरारी काट रहे हैं!
लेटेस्ट इनपुट ये कि अब शाइस्ता और गुड्डू दोनों एक साथ ही फरारी काट रहे हैं। दोनों की लास्ट लोकेशन दिल्ली में ट्रेस में हुई है। इतना ही नहीं अतीक गैंग के बाकी फरार आरोपी जैनब और उसका भाई सद्दाम भी दिल्ली में छिपे हैं।अतीक गैंग में अभी जो कुछ हो रहा है वो सब शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम के इशारे पर हो रहा है। गुड्डू मुस्लिम ही अतीक के पूरे नटवर्क को ऑपरेट कर रहा है । वो ही लगातार अतीक गैंग को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। 30 मई को अतीक गैंग से जुड़े मोहम्मद मुजफ्फर और उसके भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। कौशाम्बी के व्यापारी से 1 करोड़ की रंगदारी और जान से मारने की धमकी दी थी। 15 जून को अतीक के गुर्गे फरहान ने जेल के अंदर से रंगदारी की डिमांड की। प्रॉपर्टी डीलर से 50 लाख की रंगादारी मांगी। धूमनगंज थाने में फरहान समेत आठ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई। 17 जून को अतीक की पत्नी पर सीतापुर में गौशाला की जमीन कब्जाने का आरोप लगा।
इन गुनाहों का मास्टरमाइंड गुड्डू मुस्लिम ही है!
20 जून माफिया अतीक के गैंग पर प्रॉपर्टी डीलर की किडनैपिंग के बाद 20 लाख की रंगदारी मांगने का आरोप लगा ।इनपुट मिला है कि इन गुनाहों का मास्टरमाइंड गुड्डू मुस्लिम ही है। क्योंकि उसी के पास गैंग के सारे नेटवर्क का ऐक्सेस है। और वही एक ऐसा इकलौता शख्स जिसके पास अतीक गैंग की पूरी कुंडली है। लेकिन पुलिस को इन लोगों से ज्यादा गुड्डू मुस्लिम की प्रेमिका चांदनी की तलाश है। क्योंकि चांदनी ही वो कड़ी है जो शाइस्ता और गुड्डू के राज को बेपर्दा करेगी। चांदनी उसी दिन से गायब है …जिस दिन से गुड्डू मुस्लिम फरार हुआ था।
पुलिस को भरोसा है कि चांदनी जल्द सामने आएगी
इसकी दो वजह है एक तो ये कि आबिद चांदनी का बेटा है… दूसरा ये कि उसे शाइस्ता से बदला लेना है। क्योंकि आबिद का कहना है कि चांदनी शाइस्ता को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी। अब देखना ये है कि A गैंग की इस न्यू लव स्टोरी का क्लाइमेक्स क्या होगा ? और 123 दिन की फरारी फाइल्स का THE END कैसे होगा ?
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."