सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
बस्ती : जरा सोचिए कि आपको पता चले कि बेटा पैदा हुआ है और उसके जन्म का जश्न मनाना शुरू कर दें। रिश्तेदारों को फोन करके बेटा पैदा होने की खुशखबरी सुना दें और मिठाई तक भी बांट दें। इसके बाद जब आपको पता चले कि बेटा नहीं, बल्कि बेटी पैदा हुई तो ऐसे में आप क्या करेंगे? बस्ती मेडिकल कॉलेज से संबद्ध ओपेक चिकित्सालय कैली में अजब-गजब मामला सामने आया है। लालगंज थाना के देवेंद्र कुमार पत्नी की डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल पहुंचे और उसे भर्ती कराया। सभी जांच होने के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी। महिला को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। ऑपरेशन के बाद अस्पताल के स्टाफ ने बेटा पैदा होने की बात बताई।
बेटा पैदा होने की खुशी में परिजन झूम उठे। परिवार ने खुशी में अस्पतालकर्मी को एक हजार बख्शीश दी। सभी रिश्तेदारों को बेटा पैदा होने कि सूचना फोन से दी गई। सभी बेटा पैदा होने की खुशी मनाने लगे। बेटा पैदा होने की खुशी ज्यादा देर नहीं रही। ऑपरेशन थिएटर से कपड़े में लपेटकर बच्चे को परिजनों के सुपुर्द किया गया। परिजनों ने कपड़ा हटाकर उसे देखा तो लड़के की जगह लड़की थी। फिर क्या था, अस्पताल में जमकर हंगामा होने लगा। परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि उनसे लड़का पैदा होने की बात कही गई थी। बख्शीश के तौर पर एक हजार रुपए भी लिए गए, लेकिन बाद ने लड़के को बदलकर उसकी जगह लड़की दी गई। हालांकि पेपर लड़का पैदा होने का बना था। मामला बढ़ने के बाद अस्पताल ने पेपर बदलकर उस पर लड़की पैदा होने की जानकारी दर्ज कर दी।
डीएनए जांच की मांग
परिजनों ने इसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। परिजनों ने लड़की को अपने साथ ले जाने से इनकार कर दिया। परिजनों का कहना है कि जब तक बच्ची की डीएनए जांच नहीं हो जाती, तब तक उसको घर नहीं ले जाएंगे। चिकित्साधिकारी ने कहा कि पत्रावली की जांच की है, ऐसी कोई घटना अस्पताल में नहीं हुई है। कैली के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर एएन नारायण प्रसाद ने भी घटना पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता अजीत का दावा है कि उनको पहले लड़का पैदा होने की सूचना दी गई। इसके बाद उन्हें बेटी सौंपी गई। वहीं डॉक्टर प्रसाद ने इस तरह की घटना अस्पताल में होने से इनकार किया है।
Author: samachar
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