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November 1, 2024 3:06 pm

लड़की को गोली मारी और फिर कार में लाश को घुमाता रहा, बीजेपी नेता है कि नहीं सवाल ये नहीं, सवाल है कि पुलिस कहां थी

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सुहानी परिहार की रिपोर्ट 

बड़ा नाम और उससे भी बड़ा क्राइम। मध्यप्रदेश के जबलपुर में एमबीए की छात्रा को बीजेपी के तथाकथित नेता के ऑफिस में गोली लगने की खबर आती है। हर कोई हैरान रहा जाता है। खुद को बीजेपी का नेता बताने वाला ये शख्स लड़की को एक अस्पताल में भर्ती करवाता है, ये कहकर कि लड़की की तबियत खराब है।बाद में एक वीडियो सामने आता है जिसमें ये छात्रा खुद बताती है कि उसे इस बीजेपी नेता ने खुद अपने ऑफिस में गोली मारी है।

जबलपुर में एमबीए छात्रा को मारी गई गोली

खैर ये कहानी काफी उलझी हुई है। इस समझने के लिए तीन दिन पीछे चलना होगा। 16 जून के दिन प्रियांश विश्वकर्मा अपनी एक दोस्त वेदिका ठाकुर को अपने ऑफिस में बुलाता है। थोड़ी देर बाद वो वेदिका की एक सहेली को फोन करता है और बताता है कि वेदिका की तबीयत अचानक खराब हो गई है। वो लड़की को अपनी कार में इधर-उधर घूमता है और फिर अपने ही एक जानने वाले के अस्पताल में लड़की को एडमिट करवा देता है।

आरोपी खुद को बताता है बीजेपी का नेता

खैर अस्पताल पहुंचने के बाद ही पता चलता है कि लड़की को गोली लगी है। इस अस्पताल में लड़की का इलाज शुरू होता है, लेकिन वहां कोई स्पेशलिस्ट न होने की वजह से लड़की को दूसरे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ता है। अब यहां से मामला खुलना शुरू होता है। इस बीच प्रियांश लड़की को अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद अपने ऑफिस जाता है जहां लड़की को गोली मारी गई थी। वहां से वो सीसीटीवी फुटेज और दूसरे सबूत मिटाता है और फिर फरार हो जाता है। अब तक भी पुलिस ने इस मामले में कोई कदम नहीं उठाए थे।

पुलिस दो दिन तक दर्ज नहीं करती रिपोर्ट

लड़की के परिवार वाले अस्पताल में पहुंचते हैं अपनी बच्ची को इस हालात में देखते हैं। वो पुलिस के पास जाते हैं, लेकिन पुलिस उनकी नहीं सुनती। यहां तक की दो दिन तक कोई केस भी दर्ज नहीं किया जाता। बाद में लड़की का एक वीडियो सामने आता है जिसमें वो खुद बताती है कि उसपर प्रियांश ने गोली चलाई। आखिरकार दो दिन बाद यानी 18 जून को गैर इरादतन हत्या का मामला प्रियांश के खिलाफ दर्ज किया जाता है।

बीजेपी ने आरोपी से झाड़ा अपना पल्ला

प्रियांश विश्वकर्मा जबलपुर में कंस्ट्रक्शन का काम करता है। बड़े लोगों के साथ उसका उठना बैठना है। खुद को बीजेपी का नेता बताता है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट में कुछ बीजेपी नेताओं के साथ उसने अपनी तस्वीरें भी डाली हुई हैं। हालांकि इस घटना के सामने आने के बाद बीजेपी ने प्रियांश से अपना पल्ला झाड़ लिया था। बीजेपी ने कहा प्रियांश का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है और न ही वो किसी पद पर है।

छात्रा की हालात अब स्थिर, आरोपी ने सरेंडर किया

तीन दिन प्रियांश फरार रहा, लेकिन आज उसने सरेंडर कर दिया है। अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि उसने लड़की को गोली क्यों मारी थी। पुलिस जांच में जुटी हुई है। इस मामले में पहले कहा गया कि लड़की को गलती से गोली लगी है। यहां तक रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जा रही थी। बाद में लड़की का वीडियो सामने आने के बाद ही गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्यों ऐसे मामलों में लापरवाही की जाती है। क्यों पुलिस आरोपी को बचाना चाह रही थी? फिलहाल इस मामले में लड़की की जान बच गई है। उसकी हालत स्थिर है, लेकिन अगर लड़की को कुछ हो जाता है तो कौन होता जिम्मेदार?

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."