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November 2, 2024 11:52 am

पहलवानों पर फिर हमलावर पढ़िए बृजभूषण शरण सिंह अब क्या कह रहे हैं….? 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि महिला पहलवान बार बार अपनी मांगें बदल रहीं हैं जबकि दिल्ली पुलिस इन आरोपों की जांच कर ही रही है। उन्होंने कहा ,‘‘ पुलिस अभी जांच कर रही है। इसे पूरा हो जाने दें। जो बात निकलकर सामने आएगी, उसके अनुरूप बात की जाएगी।” एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे बारे में कौन, क्या कह रहा है, इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है और न ही इस पर प्रतिक्रिया देकर हमारा कुछ भला होने वाला है। अदालत द्वारा दिखाया जाने वाला रास्ता हमें स्वीकार्य होगा।”

कैसरगंज से भाजपा सांसद ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस की जांच में यदि महिला पहलवानों द्वारा लगाया गया एक भी आरोप साबित हो जाता है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। मैं पूर्व में अपने द्वारा कही गई बात पर कायम हूं।’ उन्होंने कहा ,‘‘18 जनवरी 2023 को जंतर मंतर पर पहली बार धरने पर बैठने वाले पहलवानों की मांग कुछ और थी। बाद में कुछ और हो गई। थोड़े दिनों के बाद बदलकर कुछ और हो गई। वे लगातार अपनी मांगों को बदलने का काम करते रहे।”

बृजभूषण ने कहा,‘‘मैने महिला पहलवानों से सवाल किया था कि उनके साथ कब, कहां और क्या-क्या हुआ, वे बताएं। किन्तु आज तक इस सम्बंध में उनका कोई स्पष्ट और ठोस बयान सामने नहीं आया है।” उन्होंने मीडिया से कहा, ‘मैं आप सभी से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि मुझसे अनावश्यक प्रश्न न करें।”

साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है। ये सभी पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक बहाने गए थे लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। हालांकि प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों ने अपनी मांगे मानने के लिये पांच दिन का समय दिया है।

दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है जिसमें पहली एक नाबालिग पहलवान के आरोपों के आधार पर पोक्सो (बाल यौन अपराधों से संरक्षण) के तहत दर्ज की गई है । दूसरी एफआईआर में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाये हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."